वैशालीः स्वतंत्रता के 75 वर्ष (75 years of Independence) पूरा होने पर देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav ) मनाया जा रहा है. ऐसे में सबसे पहले सम्मान का हक उन्हें है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. ऐसे ही एक वीर अमर जवान की मां का अद्भुत सम्मान स्थानीय लोगों ने किया गया. गलवान घाटी के शहीद जयकिशोर सिंह की मां के चलने के रास्ते में लोगों ने अपनी हथेली बिछा दी जिस पर चलते हुए शहीद की मां अपने शहीद बेटे की मूर्ति तक गईं और माल्यार्पण किया. यह अदभुत नजारा देख वैशाली जिले के चकफतेह गांव के लोगों में आंसू आ गए बल्कि ऐसा सम्मान पाकर शहीद के मां की आंखें भी छलछला उठीं.
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"आज लगा कि मेरे बेटे की शहादत बेकार नही गयी है. मुझे लोगों ने अपने हाथ के पंजे पर पैर रखकर चलते हुए अपने पुत्र के प्रतिमा के पास पहुंचाया"-मंजू देवी शहीद की मां
चीनी सेना से मुठभेड़ में हुए थे शहीदःबता दें कि गलवान घाटी में दो साल पूर्व चीनी सेना से मुठभेड़ करते हुए शहीद हुए चकफतेह गांव निवासी जयकिशोर सिंह की मां को गांव के युवाओ ने अपने हथेली पर चला कर शहीद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि करने के लिए पहुंचाया. गांव के युवाओं का जज्बा देख तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा माहौल देशभक्ति के ओतप्रोत हो गया. वहीं अद्भूत सम्मान पाकर शहीद जयकिशोर सिंह की मां बेटे के स्मारक पर पुष्पाजंलि अर्पित करते हुए फफक-फफक कर रोने लगीं.
"एक मां अपने गर्भ में बच्चे को पालती है और से देश की सेवा के लिए बॉर्डर पर भेज देती है. ऐसी मां को सम्मान देना हम सभी का फर्ज है"- अंकित कुमार, स्थानीय युवा
तिरंगा देकर शहीद के परिवार को किया गया सम्मानितः दरअसल आजादी का अमृत महोत्सव और हर घर तिरंगा अभियान को लेकर कई गांव के युवा शहीद के परिवार को तिरंगा देकर सम्मानित करने आये थे. इसी दौरान घर के पास स्थित शहीद के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित किया. युवाओं के जज्बे को देख शहीद जयकिशोर सिंह की मां मंजू देवी को रहा न गया. वह भी पुष्पांजलि अर्पित करने आयी तो युवाओं ने शहीद की मां के पैरों को जमीन पर रखने ही नहीं दिया और अपने हाथों की हथेली पर चला कर शहीद के स्मारक तक ले गये. इस दौरान देशभक्ति गाना भी बजता रहा.
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