वैशाली:जेडीयू के प्रदेश महासचिव रहे देव कुमार चौरसिया ने हाल ही में पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया है. उनका कहना है कि जेडीयू में उन्हें सम्मान नहीं मिलता था, इस कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी. वहां उनकी अनदेखी की जा रही थी, जिससे उन्हें बहुत बुरा लगता था.
'ईमानदारी से किया अपना काम'
पूर्व जेडीयू नेता ने कहा कि पार्टी के चुनाव प्रचार में उन्हें जहां भी जिम्मेदारियों के साथ भेजा जाता था, उसमें वो किसी प्रकार की कमी नहीं करते थे. जिले में कई बार उन्हें अध्यक्ष से लेकर विभिन्न पदों पर नवाजा गया. उन्होंने पूरी ईमानदारी से सभी कार्य को किया.
निर्दलीय लड़ा था चुनाव
देव कुमार चौरसिया ने बताया कि 2015 में उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाजीपुर विधानसभा से टिकट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में अंतिम समय में उनका नाम काट दिया. इससे उन्हें और उनके समर्थकों को काफी ठेस पहुंची थी. इससे आहत होकर वे हाजीपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में खड़े हुए और 22 हजार वोट लाए.
ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत करते पूर्व जेडीयू नेता देव कुमार चौरासिया बाद में पार्टी के सहयोगियों और कदावर नेताओं ने फिर से उन्हें जेडीयू जॉइन करवाया, लेकिन इसे वो गलत निर्णय बताते हैं. उन्होंने कहा कि सभी नकारात्मक बातों को दरकिनार कर उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी वफादारी दिखाई, लेकिन उन्हें कोई सम्मान नहीं मिला.
RJD में होंगे शामिल
इन सबसे तंग आकर उन्होंने पार्टी से नाता तोड़ने का निर्णय लिया और 29 दिसंबर 2019 को इसकी घोषणा की. आगामी 28 जनवरी को वो हाजीपुर में आयोजित मिलन समारोह में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी की सदस्यता लेंगे.