वैशालीः बिहार के हाजीपुर सदर अस्पतालमें उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब दो आशा कार्यकर्ताएं (Fight Between ASHA workers In Hajipur) आपस में ही भिड़ गईं. दोनों के बीच जबरदस्त मारपीट हुई. काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मी और अन्य स्टॉफ ने मिलकर उनको छुड़ाया. हॉस्पिटल में हुई इस मारपीट का वीडियो भी सामने आया है. जिस पर सिविल सर्जन डॉ.अखिलेश कुमार मोहन (Civil Surgeon Dr Akhilesh Mohan) ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
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कमीशनखोरी को लेकर हुआ विवादः बताया जाता है कि कमीशनखोरी के विवाद पर आशा कार्यकर्ता आपस में उलझ गईं और फिर शुरू हो गई, झोटा झोटी और मारपीट. वीडियो में साफ तौर से देखा जा सकता है कि किस तरीके से एक आशा दूसरे आशा के साथ मारपीट कर रही हैं. हालांकि काफी देर तक हुई मारपीट के बाद सदर अस्पताल में तैनात गार्ड ने आकर बीच बचाव किया और किसी तरह मामले को शांत किया गया. ये वीडियो सदर अस्पताल के ओपीडी का बताया जा रहा है. जहां एक मरीज को दोनों आशा अपना मरीज बताकर भीड़ गईं थीं.
निजी पैथोलॉजी से मिलती है मोटी रकमः सूत्रों की मानें तो आशा कार्यकर्ता मरीज का पुर्जा निजी पैथोलॉजी लैब अल्ट्रासाउंड में ले जाने को लेकर आपस में लड़ाई करने लगीं. निजी पैथोलॉजी और निजी नर्सिंग होम में जब आशा के द्वारा किसी मरीज को भेजा जाता है तो इसके बदले पहले से तय एक मोटी रकम कमीशन के रूप में दी जाती है. यही कारण है कि सदर अस्पताल दलालों का अड्डा बना हुआ है. इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक यहां दर्जनों की संख्या में दलाल किसी गिद्ध की तरह मंडराते रहते हैं. मौका मिलते ही मरीज और उनके परिजनों को बरगला कर निजी नर्सिंग होम में ले जाते हैं.
क्या बोले सिविल सर्जनः कई बार इस विषय को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर अखिलेश कुमार मोहन के द्वारा निरीक्षण भी किया गया है. साथ ही चेतावनी भी दी गई थी. सदर अस्पताल में दो आशा के द्वारा मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद सिविल सर्जन ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि एक वीडियो सामने आया है. ओपीडी में दो महिलाएं मारपीट कर रही हैं. वीडियो में जो दोनों महिलाएं दिख रही हैं, वो आशा कार्यकर्ता हैं. हालांकि वीडियो में ठीक से पता नहीं चल पा रहा है कि मारपीट की वजह क्या है.