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Cyclone Jawad Effect: चक्रवाती तूफान 'जवाद' ने रोकी रफ्तार, पूर्व मध्य रेलवे ने रद्द की 7 ट्रेनें - फर्स्ट स्टॉप सिगनल लोकेशन

बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के कारण आंध्र प्रदेश और ओडिशा पर चक्रवाती तूफान जवाद (Cyclone Jawad) का साया मडराने लगा है. चक्रवाती तूफान जवाद की वजह से आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में मौसम खराब होने की आशंका है. इसको लेकर पूर्व मध्य रेलवे ने सात ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है.

सात ट्रेनों का परिचालन रद्द
सात ट्रेनों का परिचालन रद्द

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Published : Dec 2, 2021, 9:02 PM IST

वैशाली: उड़ीसा और आंध्र प्रदेश में आने वाले चक्रवाती तूफान जवाद (Chakraborty Storm Javad) के मद्देनजर पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) ने सात ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगाया है. पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ राजेश कुमार (CPRO Rajesh Kumar) ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी है. जनता की सुरक्षा के लिए रेलवे ये फैसला लिया है जिससे भले ही आम लोगों को थोड़ी तकलीफ होगी लेकिन वह सुरक्षित रह सकेंगे.

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'उड़ीसा और आंध्र प्रदेशों में तटों में चक्रवाती तूफान आने को लेकर कुछ गाड़ियों को कैंसिल किया गया है.'- राजेश कुमार, पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ

सात ट्रेनों का परिचालन रद्द

जवाद चक्रवात के मद्देनजर पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार से खुलने और गुजरने वाली 7 ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया है. जिनका विवरण निम्नानुसार है. -


1. दिनांक 02.12.2021 को नई दिल्ली से खुलने वाली गाड़ी संख्या 12802 नई दिल्ली-पुरी पुरूषोत्तम एक्सप्रेस रद्द
2. दिनांक 03.12.2021 को पटना से खुलने वाली गाड़ी संख्या 22644 पटना-एर्णाकुलम एक्सप्रेस रद्द
3. दिनांक 03.12.2021 को धनबाद से खुलने वाली गाड़ी संख्या 13351 धनबाद-एल्लेपी एक्सप्रेस रद्द
4. दिनांक 03.12.2021 को आनंद विहार से खुलने वाली गाड़ी संख्या 12876 आनंद विहार-पुरी नीलांचल एक्सप्रेस रद्द
5. दिनांक 03.12.2021 को पुरी से खुलने वाली गाड़ी संख्या 12801 पुरी-नई दिल्ली पुरूषोत्तम एक्सप्रेस रद्द
6. दिनांक 04.12.2021 को पुरी से खुलने वाली गाड़ी संख्या 12815 पुरी-आनंद विहार नंदनकानन एक्सप्रेस रद्द
7. दिनांक 04.12.2021 को भुवनेश्वर से खुलने वाली गाड़ी संख्या 20817 भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस रद्द

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इतना ही नहीं पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि जाड़े के मौसम में संभावित कुहासे के मद्देनजर पूर्व मध्य रेल द्वारा ट्रेन परिचालन की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे हैं जिससे कि कोहरे के दौरान गाड़ियों का विलम्बन कम से कम हो. यात्रियों को परेशानी ना हो. इस उद्देश्य से इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाया गया है.

'ट्रेनों के सुचारू परिचालन हेतु पूर्व मध्य रेल के शत-प्रतिशत मेल व एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फॉग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है. फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिगनल की चेतावनी देता है. जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं.'- राजेश कुमार, पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ

इसके अतिरिक्त फॉग मैन भी तैनात किये जा रहे हैं जो कुहासे के दौरान रेल लाइन पर सिगनल की स्थिति की निगरानी करेंगे. रेल फ्रैक्चर से बचाव एवं समय पर इसकी पहचान हेतु उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है. कोहरे के बावजूद समय-पालन बनाए रखने में मदद मिलेगी. लाइन पेट्रोल करने वाले कर्मचारियों को GPS भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि उनकी खुद की भी सुरक्षा हो सके. घने कुहरे में स्टॉप सिगनल की पहचान हेतु स्टॉप सिगनल से पहले एक विशेष पहचान चिन्ह ‘‘सिगमा शेप्स‘‘ का प्रावधान किया जा रहा है ताकि चालक को स्टॉप सिगनल की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके.

लोको पायलटों को प्रत्येक स्टेशनों का फर्स्ट स्टॉप सिगनल लोकेशन किलोमीटर चार्ट उपलब्ध कराया जा रहा है जिसके प्रयोग से चालक यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि अगले कितनी दूरी पर ट्रेन को रोकना है और इसके अनुसार वे ट्रेन की गति नियंत्रित करेंगे. शीतकाल में सुगम ट्रेन परिचालन हेतु बरती जाने वाली इन कदमों की जानकारी देने हेतु ट्रेन परिचालन से सीधे रूप से जुड़े रेलकर्मियों को संरक्षा सलाहकारों द्वारा लगातार कांउसिलिंग भी की जा रही है.

सभी स्टेशन मास्टरों तथा लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर इसकी सूचना तत्काल नियंत्रण कक्ष को दी जाये. इसके बाद दृश्यता की जांच वीटीओ (विजुविलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट) से करें. दृश्यता बाधित होने की स्थिति में लोको पायलट ट्रेन के ब्रेक पावर, लोड और दृश्यता की स्थिति के आधार पर गाड़ी की गति को नियंत्रित करें. पूर्व मध्य रेल में रेल गाड़ियों की अधिकतम स्वीकृत गति 130 किमी प्रति घंटा है, लेकिन लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर वे गाड़ियों को 75 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से न चलायें.

जाड़े के मौसम जब कुहासा अपना स्पीड बढ़ाता है ट्रेनों की चाल बेहद धीमी हो जाती है और ऐसे में ट्रेन की सुरक्षा भी एक बड़ी समस्या बन जाती है. कई बार तो ट्रेनों को रोकना पड़ता है जिससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में कई कई घंटे लेट होता है. कई बार तो ट्रेन दिनों में भी लेट होती है. ऐसे में रेलवे के फॉक्स सिस्टम निश्चित तौर पर ट्रेन से यात्रा कर रहे यात्रियों का समय तो बचेगा ही साथ ही सुरक्षा भी बढ़ जाएगी

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