वैशाली: वैशाली के हाजीपुर का चिनिया केला पूरी देश दुनिया में मशहूर है. स्वाद में यह केला सबसे अव्वल होता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह केला लंबे समय तक सड़ता नहीं है. इसकी ताजगी बनी रहती है. आयरन और फोलिक एसिड सहित कई सेहतमंद तत्व इस केले में पाए जाते हैं. यह थोड़ा सा नाजुक केला होता है. जिस वजह से इसकी पैदावार में काफी कमी आ गई है.
चिनिया केले की डिमांड: चिनिया अल्पान केले की खेती लगभग 30 हजार एकड़ से भी ज्यादा में हो रही है. बावजूद छठ महापर्व में 10% केले की पूर्ति हो पाती है. बाकी 90% केला बाहर से लाना पड़ता है. बाजार समिति में बिहार के अन्य जिलों से भी काफी संख्या में लोग केला खरीदने आते हैं. सब की डिमांड हाजीपुर का चिनिया केला होता है. लेकिन उन्हें चिनिया केला बोलकर बाहर का आया हुआ केला बेच दिया जाता है.
''चिनिया की खासियत यह है कि यह वैशाली जिले की मिट्टी में होता है. पकाने के बाद इसमें सड़ने की प्रवृत्ति कम होती है. पकने के बाद इसकी खुशबू बहुत अच्छी आती है. एक रूम का केला दूसरे रूम तक खुशबू फैलाता है. कंपोजीशन लगभग सभी केला का वही रहता है. चिनिया का स्वाद भी बहुत शानदार होता है. अभी जो चिनिया के नाम से बिक रहा है वह अल्पान है. 30 हजार से ज्यादा एकड़ में यह चिनिया उर्फ अल्पान की खेती होती है.''- एस के ठाकुर, प्रभारी, केला अनुसंधान केंद्र गौरौल
चिनिया केला पौष्टिकता से परिपूर्ण :चिनिया केला पौष्टिक होता है. इसमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है. ये केला एक बार पक जाने पर लंबे समय तक टिकता है. सड़ने की रफ्तार काफी धीरे है. इस केले में आयरन और फोलिक एसिड पाया जाता है. दोनों तत्व इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार होते हैं. साथ में केले की मिठास भी ज्यादा होती है.