वैशाली:बिहार के वैशाली मेंप्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी धांधली (Corruption in Vaishali district in Pradhan Mantri Awas Yojana) का खुलासा हुआ है. PMAY के तहत जिले में 24 घंटे के अंदर दर्जनों मकान बना दिए गए. यही नहीं इन मकानों को बिजली कनेक्शन तक दे दिया गया. ये सारी जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल पर भी अपलोड कर दी गई. मुखिया के भाई का 24 घंटे में तो मुखिया चुनाव हारे प्रत्याशी का 48 घंटे में PMAY योजना के जरिए मकान बनकर तैयार हो गया. इस बड़े घोटाले का खुलासा आरटीआई से हुआ है. अब बीडीओ ने जांच का आश्वासन दिया है.
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बिजली का कनेक्शन भी 24 घंटे में: वैशाली जिले के महुआ अनुमंडल के चेहराकलां प्रखंड (Chehra Kalan Block of Mahua Subdivision) प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना पास करने वाले कर्मियों ने एक ही दिन में दर्जनों मकान बना डाले हैं. इतना ही नहीं, इसकी जानकारी सरकारी पोर्टल पर भी अपडेट कर दिया गया है. 1 दिन में बने मकान की नीव से लेकर छत और रंग-रोगन से लेकर बिजली का कनेक्शन तक का काम कर दिया गया है. बात खुली तो प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कमेटी बनाकर जांच करने का आदेश दिया है.
आरटीआई में हुआ खुलासा:दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट देवेंद्र राय ने इस मामले को उजागर किया है. उन्होंने भारत सरकार के पोर्टल से दस्तावेज जुटाये हैं. इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रहे घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है. उन्होंने इस बाबत बिहार सरकार के मुख्य सचिव सहित वैशाली जिला अधिकारी तक को पत्र लिखा है. साथ ही सुबूत के तौर दस्तावेज भी लगाए हैं. उन्होंने चेहराकलां प्रखंड के पांच पांच लाभुकों की सूची सौंपी है. इसमे यह स्पष्ट है कि 1 दिन में भवन का निर्माण कार्य संपन्न कर दिया गया है. बिजली का कनेक्शन दे दिया गया. साथ ही लाभुकों की तस्वीर भी भवन के साथ जारी कर दी गई है.
योजना राशि की लूट-खसोट:इस विषय में देवेंद्र राय ने बताया कि- 'प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के जरिए यहां के बीडीओ, इंदिरा आवास सहायक व इंदिरा आवास पर्यवेक्षक द्वारा आवास की राशि की लूट-खसोट लाभुकों से मिलकर कराई गई है. 1 दिन में सैकड़ों पक्के मकान बन जाना दिखाया गया है. राशि लाभुक के खाते में दी गई है और फिर उसका बंदरबांट किया गया है. यह जानकारी भारत सरकार के आवास सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि चेहराकलां प्रखंड के बीडीओ कुमुद रंजन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं. इसलिए वरीय अधिकारी भी उनसे डरते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं.'