बीईओ ने शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की जांच की वैशाली:वैशाली में स्कूल में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है. दरअसल, महुआ प्रखंड के मोहनपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय में नए शौचालय के निर्माण के लिए 3 लाख 88 हजार रुपये का फंड आया था लेकिन स्कूल के प्रधानाध्यापक ने पुराने स्कूल की दीवार को तोड़कर उसके पुराने ईंट और सरिया से शौचालय का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया. ग्रामीणों ने पहले इस पर आपत्ति जताई लेकिन जब काम नहीं रुका तो इसकी शिकायत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अर्चना कुमारी को कर दी. जिसके बाद बीईओ जांच करने स्कूल पहुंच गईं.
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महुआ बीईओ ने निर्माण कार्य की जांच की:मौके पर जब बीईओ अर्चना कुमारी जांच करने पहुंचीं तो उन्होंने पाया कि पुरानी ईंट से ही निर्माण कार्य हो रहा था. अधिकारी जब स्कूल की शिक्षा व्यवस्था की जांच करने पहुंचीं तो उनको पता चला कि बगैर पूर्व सूचना के ही दो शिक्षक स्कूल से लापता हैं. हद तो तब हो गई, जब अधिकारी को हेड मास्टर ने कहा कि दोनों महिला शिक्षिका व्रत की हुई थी, उनको कमजोरी लग रही थी. इसलिए छुट्टी दे दी. जिसके बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भड़क गईं.
शिक्षिका की छुट्टी पर भड़कीं बीईओ:बीईओ और स्कूल के हेड मास्टर विशंभर शाह के बीच हुई बातचीत का वीडियो सामने आया है. जिससे साफ पता चल रहा है कि शिक्षा विभाग में लापरवाही पूरी तरीके से हावी है. वहीं पुरानी ईंट से निर्माण के संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अर्चना कुमारी ने कहा कि जांच में पाया गया है कि पुरानी ईंट से निर्माण कराया जा रहा है. इसकी जांच होगी. वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसकी रिपोर्ट दी जाएगी और कार्रवाई होगी.
"इस पर जांच होगी. पुराना ईंट तो है पुराना ईंट. आखिर किस परिस्थिति में लगाया गया है, यह तो जांच का विषय है. जांच करके उच्च अधिकारियों को सूचित किया जाएगा और कार्रवाई जरूर होगी"- अर्चना कुमारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, महुआ
क्या बोले स्कूल के प्राचार्य?:दूसरी तरफ स्कूल के प्रधानाध्यापक विशंभर शाह का कहना है कि नई ईंट से ही निर्माण हो रहा है. बगैर इजाजत के ग्रामीणों की इच्छा से पुराने स्कूल को तोड़ा गया है, जिसकी ईंट नीलाम की जाएगी. वहीं स्थानीय सोनू कुमार ने बताया कि शौचालय नहीं रहने से बच्चे स्कूल नहीं आ रहे थे. इसलिए शौचालय का निर्माण किया जा रहा है लेकिन इसमें पुरानी ईंट और पुराने सरिया लगाने से यह भी जर्जर हालत में हो जाएगा.
"हम तो नया ईंट से निर्माण करवा रहे हैं, पुराना ईंट से नहीं. अध्यक्ष हैं सचिव है और ग्रामीण सब लोग निर्माण कार्य को देख रहे हैं. उसी से शौचालय बना रहे हैं, निर्माण में अध्यक्ष का ज्यादा योगदान है. भारत सरकार के मध्यम से 3 लाख 88 हजार रुपये की राशि से निर्माण हो रहा है. उसको नीलाम कर दिया जाएगा भवन जो टूटा है. उसका परमिशन नहीं मिला था. केवल चारों तरफ से दीवार था. ग्रामीण के सहयोग से कर दिया गया"- विशंभर शाह, हेडमास्टर उत्क्रमित मध्य विद्यालय, मोहनपुर