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करेंसी से फैल सकता है कोरोना वायरस? RBI ने दिया जवाब

कैट की ओर से लगातार दबाव बनाए जाने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साफ किया है कि करेंसी के जरिए बैक्टीरिया और वायरस फैल सकता है. ऐसे में अधिक से अधिक डिजिटल भुगतान करना ही बेहतर होगा.

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Published : Oct 5, 2020, 3:40 PM IST

पटना: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से भेजे गए सवाल का रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जवाब दिया है. कैट की ओर से करेंसी के माध्यम से कोरोना के फैलाव का सवाल किया गया था. इस पर आरबीआई ने एक मेल में अप्रत्यक्ष रूप से यह उत्तर दिया है. जिसमें कहा गया है कि करेंसी के जरिए बैक्टीरिया और वायरस फैल सकता है. ऐसे में अधिक से अधिक डिजिटल भुगतान करें.

कैट एक साल से अधिक समय से करेंसी द्वारा बैक्टीरिया और वायरस फैलने के बारे में समय समय पर इस स्पष्टीकरण की मांग करता आ रहा है. विगत 9 मार्च, 2020 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजा, जिसमें यह स्पष्ट करने का आग्रह किया था कि क्या करेंसी नोट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक हैं? जिसे वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक को भेजा. प्रतियुत्तर में आरबीआई ने 3 अक्टूबर 2020 को एक मेल के माध्यम से कैट को दिए अपने जवाब में ऐसा संभव होने का संकेत दिया है.

कैट ने खड़ा किया था सवाल
कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा को भेजे अपने उत्तर में रिजर्व बैंक ने कहा है कि 'कोरोना वायरस महामारी को सीमित करने के लिए लोग अपने घरों से ही सुविधापूर्वक मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, कार्ड इत्यादि जैसे ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से डिजिटल भुगतान कर सकते हैं. करेंसी का उपयोग करने अथवा एटीएम से नकदी निकालने से बच सकते हैं. इसके अलावा समय-समय पर अधिकारियों की ओर से जारी कोविड पर सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना आवश्यक है.

साइबर सेल को मजबूत बनाने पर जोर
कैट बिहार अध्यक्ष ने बैंको और प्रशासन से साइबर क्राइम सेल को और भी मजबूत बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इससे देश व राज्य की छवि खराब होती है. कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी ने कहा कि करेंसी नोटों द्वारा किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया या वायरस जैसे कोविड की बहुत तेजी से फैलने की संभावना सबसे ज्यादा है, जिसको देखते हुए कैट बीते एक साल से ही सरकार के मंत्रियों एवं अन्य प्राधिकरणों को इसका स्पष्टीकरण लेने के लिए प्रयासरत है. पिछले साल से अनेको बार इस मुद्दे को उठाने के बाद ये पहला अवसर है जब आरबीआई ने इसका संज्ञान लेते हुए जवाब दिया है.

डिजिटल भुगतान की सलाह
हालांकि अपने जवाब में आरबीआई ने नोट से कोरोना फैलने की बात पर इनकार नहीं किया है. जिससे पूरी तरह ये संकेत मिलता है कि करेंसी नोट के माध्यम से वायरस और बैक्टीरिया फैलता है और इसलिए ही आरबीआई ने करेंसी भुगतान से बचने के लिए डिजिटल भुगतान के अधिकतम उपयोग की सलाह दी है. कैट विहार के उपाध्यक्ष मुकेश नन्दन जी और सचिव दिलीप कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि 29 अगस्त, 2019 को जारी आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 'प्रचलन में बैंक नोटों का मूल्य और मात्रा क्रमशः 17.0 % और 6.2 % से बढ़कर, साल 2018 और 2019 में 21,109 बिलियन और 108,759 मिलियन तक पहुंच गई थी. मूल्य के संदर्भ में 500 और 2000 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी, जो मार्च 2018 में बैंकनोट्स के कुल मूल्य का 80.2 % थी वह मार्च 2019 में बढ़कर 82.2 % हो गई. 1 जुलाई, 2018 से 30 जून, 2019 के दौरान करेंसी मुद्रण पर कुल व्यय 48.11 रुपये बिलियन रहा जो वर्ष 2017 -18 में 49.12 बिलियन था.

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