सर्पदंश पीड़ित की महिला ने की झाड़ फूंक सुपौल: बिहार के सुपौल स्थित सदर अस्पताल में शनिवार को एक अजीब तमाशा देखने को मिला. एक बच्चे को सांप ने डंस लिया था. उसके परिजन उसका इलाज कराने के लिए यहां लेकर पहुंचे थे. तभी वहां एक महिला पहुंची और बच्चे का झाड़-फूंक से इलाज करने लगी. हद तो यह हो गई कि अस्पताल परिसर में इस तरह के अंधविश्वास का तमाशा चलता रहा और बच्चे की इलाज करने की बजाय लोगों के साथ अस्पतालकर्मी भी मजमा लगाकर तमाशा देखते रहे.
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बच्चे को सांप काटने का इलाज कराने पहुंचे थे परिजन: दरअसल, सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड स्थित बनैनियां वार्ड नंबर 01 ओराही गांव निवासी फुलेश्वर सिंह के 12 वर्षीय पुत्र सुमन कुमार को शुक्रवार की देर शाम कोसी नदी के किनारे घूमने के दौरान एक जहरीले सांप ने डंस लिया. परिजन बच्चे को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरायगढ़ लेकर पहुंचे. वहां से उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. शनिवार को सदर अस्पताल में इलाज होने से पहले एक तांत्रिक महिला पहुंची और बच्चे को झाड़फूंक से ठीक कर देने का दावा करते हुए इमरजेंसी वार्ड में ही झाड़फूंक करने लगी.
इमरजेंसी वार्ड में ही झाड़-फूंक करने लगी महिला: काफी देर तक तांत्रिक महिला बच्चे का झाड़ फूंक करती रही. इसके बाद तांत्रिक महिला ने परिजनों को कहा अब बच्चे को ले जाओ. बच्चा पूरी तरह ठीक हो गया है. झाड़-फूंक करने वाली महिला सदर प्रखंड के करिहो की रहने वाली थी. महिला जमीन पर लेट घंटों झाड़फूंक करती रही. वहीं स्थानीय लोग सहित अस्पताल प्रशासन मूख दर्शक बने रहे. झाड़फूंक करने के बाद महिला ने दावा किया कि अब किशोर ठीक हो जाएगा. उसने बताया कि वो बच्चे के साथ ही अस्पताल आई थी.
सिविल सर्जन ने कहा- अस्पताल में ऐसा नहीं होना चाहिए : इस पूरे मामले पर सिविल सर्जन डॉ मिहिर कुमार वर्मा ने कहा कि अस्पताल परिसर में कहीं से भी इस तरह का कार्य नहीं होना चाहिए. जहां तक उस बच्चे का सवाल है तो उसका इलाज किया जा रहा था. वैसे अगर परिजन को झाड़फूंक पर ही भरोसा है तो वे अपने घर पर कराये. अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जाता है. यहां झाड़फूंक से इलाज नहीं होता है.
"अस्पताल परिसर में कहीं से भी इस तरह का कार्य नहीं होना चाहिए. जहां तक उस बच्चे का सवाल है तो उसका इलाज किया जा रहा था. वैसे अगर परिजन को झाड़फूंक पर ही भरोसा है तो वे अपने घर पर कराये.अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जाता है. यहां झाड़फूंक से इलाज नहीं होता है" - डॉ मिहिर कुमार वर्मा, सिविल सर्जन