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Published : Jul 31, 2021, 5:13 PM IST

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सुपौल में टूटे बांध की मरम्मति में लापरवाही को लेकर 3 इंजीनियर सस्पेंड

कोसी और अन्य नदियों के उफान के कारण सुपौल में टूटे बांध की मरम्मति कार्य में लापरवाही सामने आने के बाद जल संसाधन विभाग के अपर सचिव ने तीन अभियंताओं को निलंबित कर दिया है.

बांध मरम्मति कार्य
बांध मरम्मति कार्य

सुपौलः डगमारा के चुटीयाही के पास जवाहर योजना के तहत निर्मित ग्रामीण सुरक्षा बांध (Dam Broken In Supaul) और सिकरहट्टा-मझारी निम्न बांध के कटाव क्षेत्र की मरम्मति में लापरवाही सामने आने के बाद तीन अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, देर से बांध निर्माण कराए जाने को लेकर ग्रामीण चिंतित हैं.

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कार्य में लापरवाही बरतने को लेकर जल संसाधन विभाग के अपर सचिव ने पश्चिमी कोसी तटबंध के कार्यपालक अभियंता सतीश कुमार, सहायक अभियंता महेश कुमार और कनीय अभियंता राजेश कुमार को निलंबित कर दिया है.

बाढ़ के कारण सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं. सदानंद मेहता, कमल पासवान, देव नारायण मेहता, ललिता देवी, रविन्द्र कामत, सत्यनारायण कामत सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि बांध के कटाव क्षेत्र के कारण वे डर की जिंदगी जी रहे हैं. जब तक सुरक्षा को लेकर किए जा रहे कार्य पूरा नहीं हो जाता है, तब तक लोगो चिंतामुक्त नहीं हो पाएंगे.

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लोगों ने बताया कि हालत ऐसे हो गए हैं कि अर्धनिद्रा और कोसी जैसी नदियों का नाम सुनते ही लोगों की रूहें कांप जाती है. अभी भी लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. हालांकि, अब जाकर तिलयुगा नदी का जलस्तर कमने लगा है.

इधर दोनों बांध के कटाव स्थल को बांधने के लिए जल संसाधन विभाग की टीम युद्धस्तर पर कार्य कर रही है. जवाहर योजना ग्रामीण सुरक्षा बांध में अब महज 5 मीटर का कार्य शेष रह गया है. वहीं, सिकरहट्टा-मझारी बांध में कटाव स्थल पर कार्य ग्राउंड लेवल से थोड़ा ऊपर हो रहा है.

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"ग्रामीण सुरक्षा बांध के कटाव क्षेत्र को बांधने के लिए महज 5 मीटर का कार्य शेष रह गया है. संभव है कि यह काम शनिवार तक पूरा हो जाएगा. बाकी काम को पूरा करने के लिए बांस पाइलिंग, बोल्डर क्रेटिंग, नायलन क्रेटिंग, बोरा क्रेटिंग का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है."-रामविनय चौधरी, जेई, जल संसाधन विभाग

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