सुपौल:बिहार में अपराध को लगाम लगाने के लिए पटना में मुख्यमंत्री की बैठक के बाद सभी जिलों के पुलिस अधिक्षकों ने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए गश्ती बढ़ा दी है. बिहार में बढ़ते क्राइम के ग्राफ को रोकने के लिए पुलिस को सरकार की सख्त हिदायत दे रखी है. इसी के मद्देनजर रात्रि गश्ती में निकले सुपौल पुलिस का एक अलग चेहरा देखने को मिला. जिस पुलिस को देखते ही आम जनमानस के हाथ पांव फूल जाते हैं. वही उनके पास बैठ कर प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने का गुर सिखा रहा है.
दरअसल, गश्ती को निकले सुपौल के एसपी मनोज कुमार की नजर जब जिला मुख्यालय स्थित मालगोदाम मंदिर के टिमटिमाती लाइट के नीचे पढ़ रहे उन परीक्षार्थियों पर पड़ी. तो मनोज कुमार उनके पास बैठ गए. वहीं, परीक्षार्थियों से बातचीत में उन्हें तैयारी करने के कई गुर सिखाए.
रूपहले पर्दे का कैरेक्टर, रियल लाइफ में दिखा
सुपौल के एसपी की ऐसी तस्वीर ने यह साफ कर दिया कि पुलिस की ऐसी मानवीय कहानियां सिर्फ रूपहले पर्दे तक सीमित नहीं रहती. बल्कि उनका एक अपना यथार्थ होता है. वास्तविक घटनाएं फिल्मों से कहीं अधिक प्रेरणादायक होती है. दरअसल एसपी की जिस तस्वीर की बात इस खबर में की जा रही है. उसी तरह की एक मूवी प्रकाश झा निर्देशित 'परीक्षा' अक्टूबर में रिलीज हुई थी. जिसमें एक एसपी ने गरीब बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेवारी उठाई थी.