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37 लाख की ठगी करने वाले 2 ठग गिरफ्तार, पुरस्कार राशि के नाम पर बीमार बेटे के पिता को बनाया था शिकार - पैसे के लोभ में ठगी के शिकार

बंगाल में बेटे की किडनी की बीमारी से जूझ रहा शख्स ठगों के झांसे में आ गया. उसने सुपौल के दो ठगों को अपना घर और गाड़ी बेचकर 37 लाख रुपए दे दिए. फरक्का पुलिस दोनों को गिरफ्तार (Arrest) कर अपने साथ ले गई है.

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Published : Sep 11, 2021, 11:04 PM IST

सुपौल:बिहार के सुपौल (Supaul) जिले के ठगों ने बंगाल के एक शख्स के साथ ठगी की है. 50 लाख रुपए की पुरस्कार राशि देने के एवज में 37 लाख की ठगी कर ली. हालांकि पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए ठगी करने वाले इस गिरोह के दोनों सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है.

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दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का थाना क्षेत्र के फरक्का बैरेज प्रोजेक्ट निवासी गोविंदा प्रमाणिक के बेटे की दोनों किडनी फेल हो गई थी. जिसके बाद वो पैसे के अभाव में काफी चिंतित रहते थे. डॉक्टरों ने उन्हें उनके बच्चे की किडनी जल्द से जल्द ट्रांसप्लांट करने को कहा, लेकिन पैसे के अभाव में वो किडनी का ट्रांसप्लांट नहीं करवा रहे थे.

इसी बीच उन्हे उदय ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड से एक कॉल आई, जिसमें उन्हें प्रथम पुरस्कार के रूप में 50 लाख 8 हजार रूपये का ऑफर दिया गया. कंपनी द्वारा बीमार बेटे से संबंधित डॉक्टर का पता सहित अन्य कागजात और फोटो की भी मांग की गई.

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बेटे की बीमारी से लाचार पिता ने उसके बताए गए व्हाट्सएप नंबर पर सारे कागजात भेज दिये. फिर कंपनी के द्वारा प्राइज की राशि लेने के एवज में रजिस्ट्रेशन चार्ज की मांग की गई. गोविन्दा प्रमाणिक ने 5 दिसंबर 2017 को रजिस्ट्रेशन चार्ज के रूप में 9 हजार 200 रूपये उदय प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति के एकाउंट में जमा किया. उसके बाद कंपनी द्वारा अलग-अलग व्यक्ति के नाम के एकाउंट के माध्यम से और पैसे की मांग करता रहा है. इस तरह से उसने लगभग 55 खातों में कुल 37 लाख रुपए मंगवा लिए. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि कंपनी को अबतक कुल 37 लाख 33 हजार 911 रूपये जमा कर चुके हैं. उसने इस पैसे को जमीन, जेवरात और गाड़ी बेचकर दिया है.

ठगी के शिकार हुए पिता ने बताया कि उनके बेटे का इलाज भी बंद हो गया. जिसके बाद फरक्का पुलिस ने 10 अक्टूबर 2018 को केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु की तो 55 खातों में से दो खाते सुपौल नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 4 के रहने वाले सुभाष कुमार और सूरज कुमार के मिले. जिसके बाद सुपौल सदर पुलिस की मदद से उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बंगाल पुलिस उन्हें अपने साथ ले गयी है.

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