सुपौल: जन अधिकार पार्टी (JAP) के सुप्रीमो और पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) शनिवार को मारपीट के एक मामले में सुपौल कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने पप्पू यादव को अगली तारीख 25 नवंबर का दिया है. पेशी के बाद कोर्ट से बाहर आए पप्पू यादव ने कहा कि बिहार सरकार को शराबबंदी (Alcohol Ban in Bihar) पर फिर से विचार करना चाहिए.
यह भी पढ़ें-उपचुनाव के नतीजों का बिहार की सियासत पर कितना पड़ेगा फर्क! आप भी जानिए...
पप्पू यादव ने कहा, 'कश्मीर में बिहारी मजदूरों की हत्या हो रही है. बॉर्डर पर सैनिकों के शहीद होने पर सरकार हाय-तौबा मचाती है, लेकिन मजदूरों की मौत पर मुआवजा तक नहीं दिया. सरकार को चाहिए कि मृतकों के परिवार वालों को 20 लाख रुपए का मुआवजा दे.
वहीं, उन्होंने बिहार में शराबबंदी को पूरी तरह फेल बताते हुए कहा, 'सरकार इस कानून पर पुनर्विचार करे. जहरीली शराब पीने से मुजफ्फरपुर और सीवान में मौतें हुई हैं. सरकार नेता और अधिकारियों की जांच कराए कि वे डेढ़ महीने के अंदर कितनी बार शराब पी चुके हैं.'
"शराबबंदी से बिहार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. शराबबंदी के कारण बिहार का पैसा दूसरे राज्यों में जा रहा है. नकली शराब पीने से मौत का भी खतरा है. शराबबंदी में गरीब लोग फंस रहे हैं. ऊंचे घराने के लोग और माफिया शराब का अवैध कारोबार कर अकूत संपत्ति अर्जित कर रहे हैं. इसके चलते आपराधिक मामले बढ़ रहे हैं."- पप्पू यादव, जाप सुप्रीमो और पूर्व सांसद
यह भी पढ़ें-..इसलिए याद रहेगा तारापुर और कुशेश्वरस्थान का उपचुनाव, 2 सीटों ने बिहार की सियासत ही उलट दी !