सुपौल: बिहार के सुपौल (Supaul) जिले के कोसी में बाढ़की शुरुआत में ही पूर्वी कोसी तटबंध के 16.98 किलोमीटर स्पर का नोज सिंक कर गया है. अभियंताओं की टीम कटाव रोकने में लगी है. मुख्य अभियंत मनोज कुमार रमन, फ्लड फाइटिंग चेयरमैन विष्णुकांत पाठक, एसी अशोक सिंह ठाकुर, ईई राम सेवक साह ने तटबंध पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. अभियंताओं की टीम ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है.
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अग्रिम पंक्ति का सिपाही होता है नोज
गौरतलब हो कि शनिवार की शाम से ही 16.98 किलोमीटर का नोज बैठने लगा है. बता दें कि नोज नदी से पहली लड़ाई लड़ती है. यह स्पर के बचाव के लिए अग्रिम पंक्ति का सिपाही होता है. नोज कटने के बाद स्पर के कटने में देर नहीं लगती है. इसलिए नोज की सुरक्षा पहली जिम्मेदारी बनती है.
कार्य पर लगी दो एजेंसियां
नोज को बचाने के लिए रविवार की शाम से ही दो एजेंसियों को कार्य में लगाकर नोज को बचाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है. 16.98 किलोमीटर स्पर पर एसी अशोक सिंह ठाकुर स्वयं कैंप किये हुए हैं. मुख्य अभियंता मनोज कुमार रमण पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं.
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जानिए कितने की लागत से किया गया एंटी-एरोजन का कार्य
बता दें कि 16.98 किलोमीटर स्पर पर हाल में एंटी-एरोजन के तहत 06 करोड़ 16 लाख 68 हजार की लागत से मजबूतीकरण का कार्य ब्रजधारी कंस्ट्रक्शन (Brajdhari Construction) के माध्यम किया गया है. लेकिन मौसम की पहली बारिश में एक लाख क्यूसेक डिस्चार्ज का भी सामना नहीं कर पाया. जो स्वतः कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा कर रहा है.
बताया जा रहा है कि नोज का बेस ही मजबूती से नहीं किया गया. बेस में 04 लेयर का जियो बेग का काम करना था. जिसे मजबूती से नहीं करने के कारण यह स्थिति बनी है. स्वभाविक तौर पर बेस मजबूत नहीं रहने की स्थिति में नोज का सिंक करना स्वाभाविक है.
मात्र 1 लाख 2 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज
कोसी नदी का डिस्चार्ज 10 बजे मात्र 1 लाख 2 हजार क्यूसेक बताया गया. जो घटने की स्थिति में है. सवाल है कि जब एक लाख डिस्चार्ज में यह स्थिति है तो कोसी का डिस्चार्ज 03 लाख से ऊपर जायगा तो क्या स्थिति बनेगी? कोसी नदी ने एंटी एरोजन के तहत करोड़ों की राशि खर्च कर तैयारी का दावा करने की अभियंताओं की परख शुरू कर दी है. यह तो शुरुआत है. नए प्रावधान के अनुसार एंटीएरोजन का कार्य करने वाली एजेंसी ही फ्लड फाइटिंग का कार्य उस स्थल पर करेगी.
स्थानीय लोगों की भूमिका हो सकती है कारगार
अब सवाल यह है कि वैशाली की एजेंसी की पकड़ इतनी है कि वह कम से कम समय में लेबर की व्यवस्था कर फ्लड फाइटिंग का कार्य सकें. इसमें स्थानीय लोगों की भूमिका कारगर हो सकती है. जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इसके जबाव में एसी अशोक सिंह ठाकुर ने कहा कि विभाग के माध्यम से स्थिति के अनुसार दो स्थानीय एजेंसी को फ्लड फाइटिंग कार्य की जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
जानिए क्या कहते हैं अधिकारी
एसी अशोक सिंह ठाकुर ने कहा कि नोज सिंक मोड में आ गया था. इस पर कार्य किया जा रहा है. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. घबराने की कोई बात नहीं है.
कोसी नदी का बढ़ा जलस्तर
नेपाल के पहाड़ी इलाके में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से कोसी नदी के जलस्तर में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. कोशी बराज के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है. जिस कारण कोसी बराज के 56 फाटक में से 21 फाटक को खोल दिए गए हैं.