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Supaul News: 4 माह की बच्ची को झाड़ी में फेंक देवर साथ फरार हुई मां, बारिश में ठंड से कंपकपा रही थी मासूम - Bihar News

बिहार के सुपौल में एक कलयुगी मां अपनी चार माह की बच्ची को झाड़ी में फेंककर (Mother Threw Girl In Bush In Supaul) देवर का साथ फरार हो गई. बारिश में बच्ची बिलख रही थी. इसी दौरान घास काटने वाली महिला की नजर पड़ी. वहीं सूचना पर पहुंची चाइल्ड लाइन की टीम बच्ची को अपने साथ ले गई. पढ़ें पूरी खबर...

सुपौल में झाड़ी में बच्ची बरामद
सुपौल में झाड़ी में बच्ची बरामद

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 22, 2023, 7:14 AM IST

सुपौल: बिहार के सुपौल में झाड़ी के बीच से एक रोती बिलखती दूधमुही बच्ची बरामद की गई, जिसे देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई. मामला जिले के बसंतपुर प्रखंड क्षेत्र का बताया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इसकी मां इसे झाड़ी में फेंककर अपने देवर के साथ फरार हो गई है. बच्ची मात्र चार माह की है. इस घटना के बाद से लोग इस निर्दयी मां को कोस रहे हैं. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है.

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भगवानपुर का मामलाः जानकारी के अनुसार बच्ची भगवानपुर के समदा वार्ड 12 में भीसी के समीप लावारिस स्थिति में मिली है. स्थानीय लोगों के सहयोग से उसे उठाकर घर लाया गया और इसकी सूचना रतनपुर पुलिस को दी गयी. सूचना मिलते ही रतनपुर थानाध्यक्ष कृष्णा कुमार सिंह दलबल के साथ पहुंचे. उन्होंने इसकी जानकारी चाइल्ड लाइन को दी. सूचना पर पहुंची चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल ले गई.

सुपौल में मां ने बच्ची को झाड़ी में फेंकाः बताया जा रहा है कि बच्ची का पिता कर्नाटक में मजदूरी करता है. बच्ची की मां का अपने देवर से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. महिला को एक 2 साल का बेटा भी है, जिसे मायके में छोड़कर आई है. 4 माह की बच्ची को झाड़ी में फेंककर देवर के साथ फरार हो गई. गुरुवार को स्थानीय महिला घास काटने गई तो बच्ची के रोने की आवाज सुनी, इसके बाद लोगों को इसकी जानकारी दी.

बारिश में कंपकपा रही थी बच्चीः बच्ची झाड़ी में बिलख रही थी. बारिश के कारण बच्ची का शरीर पूरा भींग गया था. वह ठंड से कंपकपा रही थी. शरीर पर चीटियों का झुंड था. चीटियों के काटने से बच्ची का शरीर लाल हो गया था. महिला ने बच्ची को उठाकर घर लायी, इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची को अपने साथ ले गई.

"बच्ची का मेडिकल जांचोपरांत बाल कल्याण समिति में भेजा जाएगा. संस्थान में छः वर्ष तक के बच्चों की देखभाल की जाती है. विज्ञापन निकाला जाएगा. कोई परिजन दावा करेगा तो जांचोपरांत सही परिजनों को बच्ची सौंप दी जाएगी. 90 दिनों तक दावा नहीं की जाती है तो इस बच्ची को लिगली स्वतंत्र किया जाएगा. गोद लेने वालों को बच्ची दी जाएगी."-संतोष कुमार, कार्यपालक सहायक, बाल कल्याण समिति

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