सुपौल: बिहार सरकार बाढ़ (Flood In Bihar) निरोधी कार्य को लेकर लाख दावे करे लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और दिखाई देती है. ताजा मामला सुपौल (Supaul) जिले का है. जिले में कोसी नदी के जलस्तर में तेजी से उतार चढाव जारी है. इसी दौरान गुरूवार की रात नदी की तेज धारा ने डगमारा पंचायत के वार्ड नंबर 9 स्थित हनुमान मंदिर के पास स्थित बांध को तोड़ दिया. हालात ये हैं कि 10 फीट लंबाई में टूटा बांध देखते ही देखते 100 फीट की लंबाई में तब्दील हो गया. अगर प्रशासन ने समय रहते कटाव निरोधी कार्य किये गये आज इस इलाकों की हजारों की आबादी बाढ़ से प्रभावित नहीं होती.
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जानकारों के मुताबिक कोसी नदी में पानी ज्यादा होने पर बाढ़ के हालात उत्पन्न होते हैं, जब पानी में कमी होती है तो नदी की धारा काफी तेज हो जाती है. इसी कड़ी में कुनौली थाना क्षेत्र स्थित स्पर एक एवं स्पर दो के बीच का बांध टूट गया. समय पर बाढ़ निरोधात्मक कार्य शुरू नहीं करने का नतीजा रहा कि नदी की तेज धारा का दबाव मझारी-सिकरहट्टा निम्न बांध पर बना रहा.
गुरुवार की रात बांध टूटने के बाद निम्न बांध के पश्चिमी दिशा में बसे लोगों के घर तक पानी पहुंच गया. लोगों में हाहाकर मच गया. लोग पानी का कारण एक दूसरे से पूछने लगे. इसके बाद पता चला कि मझारी-सिकरहट्टा बांध टूट चुका है. जहां नदी की तेज धारा बह रही है. वहीं नदी के पानी का फैलाव काफी तीव्र गति से हो रहा है. इसके बाद लोग अपने बच्चों के साथ कोसी महासेतु एवं बांध की ओर शरण लेने लगे.
सिकरहट्टा-मझारी बांध टूटने से निर्मली-कुनौली, कमलपुर, डगमारा, नया टोला सिकरहट्टा, दिघिया, बेला सिंगार मोती, मझारी, हरियाही आदि गांवों के लोगों का सड़क संपर्क टूट चुका है. इन लोगों को कुनौली व नेपाल की ओर जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी.