सुपौल में बढ़ा कोसी का जलस्तर सुपौल: नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में भारी बारिश के बाद कोसी नदी खतरे से काफी ऊपर बह रही है. नदी का जलस्तर पिछले 33 साल का रिकॉर्ड तोड़ रहा है. जिससे बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों में भयावह स्थिति बन गई है. लोग काफी डरे सहमे है. जिला प्रशासन ने भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया है. लाउडस्पीकर की मदद से लोगों से तटबंध छोड़कर बाहर निकलने की अपील की जा रही है. उधर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए तत्काल राहत कैंप और कंट्रोल रूम स्थापित कर लिया गया है.
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कोसी बराज से 4.62 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज :वहीं जल संसाधन विभाग के सभी इंजीनियर को अलर्ट मोड पर रखा गया है. तटबंध की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. तटबंध के प्रत्येक एक किलोमीटर पर सुरक्षा जवान को तैनात कर दिया गया है. बराज पर रविवार को 12 बजे रात जैसे ही नदी के जलस्तर ने 3 लाख क्यूसेक को पार किया, उसी समय अभियंता व बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों की धड़कने बढ़ गई. पूरी रात तटबंध के लोग जागते रहे साथ ही जलस्तर में भी लगातार वृद्धि होती रही.
खोले गए बराज के सभी 56 फाटक : बता दें कि 12 बजे रात को बराज के कुल 56 फाटक में से 38 फाटक खोल दिए गए. रात 1 बजे नदी का जलस्तर 3 लाख 89 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया. इसके बाद बराज के 48 फाटक खोले गए. वहीं रात के 2 बजे नदी का जलस्तर अचानक 4 लाख 62 हजार 345 क्यूसेक पर पहुंच गया. जिसके बाद बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए. सोमवार की सुबह से ही सदर प्रखंड, किशनपुर, निर्मली, मरौना एवं सरायगढ़ प्रखंड के सैकड़ों गांव के हजारों घर में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है.
जाने बराह में नदी का जलस्तर: सोमवार की सुबह से बराज व जल अधिग्रण क्षेत्र बराह में नदी का जलस्तर घटने लगा तो लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली. हालांकि दोपहर 12 बजे बराज पर नदी का जलस्तर 3 लाख 65 हजार 710 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया, जो स्थिर था. वहीं नेपाल के बराह क्षेत्र में नदी का जलस्तर 1 लाख 77 हजार 750 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. जिससे एक बार फिर बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग व अभियंता की टीम की बैचेनी बढ़ गई है.