सुपौल: दहेज लोभी ससुरालवालों ने बहू को आठ माह से घर में कैद कर रखा था. महिला को सास और ससुर ठीक से खाना तक नहीं देते थे. खाना मांगने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी.
भूख से तड़प रही महिला की जान कई बार आसपास के घर के लोगों ने खिड़की से खाना देकर बचाई. बुधवार को गांव के लोगों ने ताला तोड़कर महिला को मुक्त कराया. घटना सुपौल जिले (Supaul District) के किसनपुर बाजार (Kisanpur Bazar) की है.
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ससुराल वाले मांग रहे थे 10 लाख
ससुराल के लोग बहू के घरवालों से दहेज के रूप में 10 लाख रुपए मांग रहे थे. बुधवार को विवाहिता को मुक्त कर महिला थाना भेजा गया. पीड़िता के बयान पर महिला थानाध्यक्ष प्रमिला पुलिस बल के साथ किशनपुर बाजार स्थित घटना स्थल पर पहुंची और मामले की जानकारी ली.
स्थानीय लोगों ने बताया कि सास और ससुर बहू को खाना नहीं देते थे. आसपास के पड़ोसी खिड़की से पीड़िता को खाना भेज रहे थे. इसको लेकर कई बार स्थानीय स्तर पर पंचायत भी हुई, लेकिन ससुर विक्रम चौधरी पड़ोसियों से ही उलझ जाते थे.
तीन साल पहले हुई थी शादी
महिला की शादी किशनपुर बाजार स्थित विक्रम चौधरी के बेटे संजय चौधरी से नोएडा में 7 मार्च 2018 को हुई थी. शादी में कार सहित 17 लाख का समान उपहार स्वरूप भेंट किया गया था. शादी के बाद दुल्हन किशनपुर आ गई. महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. बच्ची अभी डेढ़ साल की है. इसके बाद पीड़िता के साथ मारपीट की जाने लगी.
उससे 10 लाख रुपए और दहेज की मांग की जाने लगी. दहेज नहीं देने पर पति बाहर कमाने के लिए चला गया. काफी परेशान करने के बाद भी पीड़िता ससुराल छोड़ने को तैयार न हुई तो उसे दो मंजिला घर के ऊपर के फ्लोर पर कैद कर दिया गया.
घर का ताला तोड़ विवाहिता को कराया मुक्त
पीड़िता के पिता सदर थाना क्षेत्र के बैरो गांव निवासी गौरी शंकर चौधरी किशनपुर में अपनी बेटी को देखने के लिए आए तो ससुरालवालों ने उन्हें मिलने नहीं दिया. इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों को इकट्ठा कर घर का ताला तुड़वाया.
"मैं अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहता हूं. बेटी के ससुराल वाले भी दिल्ली में रहते थे. दिल्ली में ही शादी हुई. शादी में 17 लाख का सामान दिया गया, जिसमें कार भी शामिल है. 10 लाख और दहेज मांगा जा रहा था. नहीं देने पर ससुर विक्रम चौधरी, सास आभा देवी, ननद राखी कुमारी और चांदनी कुमारी ने जान मारने की साजिश रच कर मेरी बेटी को घर में भूखा-प्यासा कैद कर दिया. खाना मांगने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी."- गौरी शंकर चौधरी, पीड़िता के पिता
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