सुपौल: मानसून काल में कोसी नदी के जलस्तर में मंगलवार को सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, नदी के जल स्तर में कमी आने लगी है. लेकिन दो दिनों तक बराह क्षेत्र और कोसी बराज से भारी डिस्चार्ज के कारण तटबंधों के बीच पानी का फैलाव जारी है. जिससे तटबंध के भीतर बसे लाखों की आबादी के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई है.
सदर प्रखंड के बाढ प्रभावित पंचायत बलवा, घूरण, बसबिट्टी, तेलवा, गोपालपुर सिरे सहित दर्जनों गांव में बाढ का पानी प्रवेश कर गया. वहीं कई गांव में नदी का तेज कटाव भी शुरू हो गया है. बाढ़ व कटाव के कारण कोसी पीड़ितों में हड़कंप व्याप्त है. घर-आंगन में कोसी का पानी प्रवेश कर जाने के कारण बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ित ऊंचे और सुरक्षित स्थानों की ओर विस्थापित हो रहे हैं.
खाने-पीने की समस्या
तटबंध के पास बसे लोगों को बाढ़ के दौरान कई प्रकार की समस्या से जूझना पड़ रहा है. तटबंध के भीतर चारो ओर कोसी का पानी फैल चुका है. किसानों की फसल डूब चुकी है. कोरोना काल में पहले से पीड़ितों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या बनी हुई थी. इस बीच कोसी का बाढ आ जाने से पीड़ितों का दुख-दर्द दोगुना हो गया. वहीं पानी बढ़ने के बाद प्रभावित क्षेत्र में कई बाढ़ पीड़ितों ने अपने परिवार व बच्चे के साथ अपने घरों के छप्पर पर शरण ले रखा है. बाढ़ की वजह से प्रभावित इलाके के लोगों के घरों में पानी प्रवेश करने के कारण उनके कपड़े, अनाज, जलावन, चूल्हे व अन्य सामग्री भींग चुके हैं. जिस कारण भोजन तैयार करना भी मुश्किल हो रहा है.