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कोसी बराज के सभी 56 फाटक खुले, दर्जनों गांव जलमग्न, घर छोड़ रहे हैं लोग - natural disaster

बाढ़ की स्थिति से लोगों में चीख-पुकार मचने लगी. तटबंध के भीतर बसे लोग निजी नाव के सहारे अनाज, पशु, बर्तन बच्चे एवं बुजुर्ग को गांव से बाहर निकालने में जुट गए हैं.

घर डूबे

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Published : Jul 14, 2019, 8:23 PM IST

सुपौल: कोसी बराज से नदी में अचानक पानी छोड़े जाने के कारण त्राहिमाम की स्थिति पैदा हो गई है. आसपास के कई गांव डूब गए हैं. जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. हजारों की संख्या में लोग पलायन करने को मजबूर हैं. ग्रामीण अपने जान-माल को लेकर भाग रहे हैं.

घर डूबे

मालूम हो कि कोसी बराज से शनिवार को कोसी नदी में 03 लाख 89 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिसके बाद बराज कंट्रोल रूम से बराज के सभी 56 फाटक खोल दिये गए. जिस कारण सदर प्रखंड सहित किशनपुर, निर्मली, मरौना एवं सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के सैकड़ों गांव में नदी का पानी प्रवेश कर गया.

बचाव कार्य जारी

जान-माल का नुकसान
बाढ़ की स्थिति से लोगों में चीख-पुकार मचने लगी. तटबंध के भीतर बसे लोग निजी नाव के सहारे अनाज, पशु, बर्तन बच्चे एवं बुजुर्ग को गांव से बाहर निकालने में जुट गए हैं. लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. हालांकि इस दौरान लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया. फंसे लोगों ने बताया कि 1968 ई के बाद ऐसी स्थिति पहली बार देखी गई.

पलायन कर रहे लोग

लोगों में आक्रोश
सदर प्रखंड स्थित प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने बताया कि नदी में पानी बढ़ने की संभावना को लेकर पहले प्रशासन को उन्हें सचेत करना चाहिए था. गांव से बाहर निकलने के लिए सरकारी नाव व एनडीआरएफ की टीम को भेजा जाता था. लेकिन, इस बार ऐसा नहीं किया गया. जिस कारण उनलोगों का सारा अनाज बर्बाद हो गया.

आपबीती सुनाते ग्रामीण

विभागीय तैयारियां पूरी
वहीं, गांव से निकलने के लिये लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल है. लोगों ने बताया कि प्रशासन की और एक भी सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है. एडीएम आपदा अखिलेश कुमार झा ने बताया कि बाढ़ को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र में नाव की व्यवस्था की गई है. दो स्थानों पर राहत शिविर की स्थापना की गई है.

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