सुपौल: किसानों को अपने उत्पादित अनाज की कीमत का बेहतर मूल्य मिल सके. इसके लिए राज्य सरकार ने हर पंचायत में पैक्स के माध्यम से गेंहू खरीद केंद्र बनवाया था. सरकार के इस पहल के बाद किसान काफी खुश थे. लेकिन सरकार की यह योजना केवल सरकारी फाइलों तक ही सिमट कर रह गयी. जिन केंद्रों पर गेहूं खरीद की गई. वे किसान भी खास खुश नहीं दिखे.
गेहूं का न्यूनतम निर्धारित मूल्य 1925 रुपये
सरकार ने किसानों से गेहूं खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. इस राशि में ही किसानों को खुद से अनाज को बेहतर तरीके से पैक कर पैक्स तक पहुंचाना है. खुले बाजार में 1900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अनाज आसानी से बिक रहा है. इसके लिए किसान को कहीं जाने की भी आवश्यकता नहीं होती है. व्यापारी किसान के घर पर पहुंच गेहूं को ले जा रहे हैं. इसके साथ ही किसानों को कीमत भी हाथों-हाथ मिल जाती है. जिस वजह से किसान पैक्स को गेहूं नहीं बेच रहे हैं.
120 पैक्स में से मात्र 9 पैक्स ने खरीदी गेहूं
सरकारी आंकड़े के अनुसार जिले में 181 पैक्स और 11 व्यापार मंडल है. जहां समिति का गठन किया गया है. इसकी मॉनटरिंग के लिए प्रत्येक पैक्स में एक प्रबंधक, प्रत्येक प्रखंड में एक प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी और जिला स्तर पर जिला सहकारिता पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकारी योजना घरातल पर ठीक रूप से लागू ही नहीं हो सकी. जिला स्तर पर किसानों के गेहूं खरीद के लिए इस वर्ष 120 पैक्स और 3 व्यापार मंडल का चयन किया गया है. लेकिन, चयनित इन पैक्स में से मात्र 9 पैक्स और एक व्यापार मंडल केंद्र पर ही गेहूं की खरीद की जा सकी है.