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सुपौल में शराब पीकर नशे में उपद्रव मचाने वाले शराबी को कोर्ट ने सुनायी एक वर्ष कारावास की सजा - Court Sentenced Drunken Hooligans In Supaul

सुपौल में पीकर नशे में उपद्रव मचाने वाले शराबी को कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई (Court Sentenced Drunken Hooligans In Supaul) है. साल 2022 के एक मामले में आरोपी को एक साल की सजा सुनायी है. पढ़ें पूरी खबर.

Court Sentenced Drunken Hooligans To 1year In Supaul
Court Sentenced Drunken Hooligans To 1year In Supaul

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Published : Nov 19, 2022, 11:06 PM IST

सुपौल:बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) पूर्ण रूप से लागू है. इसे प्रभावी तरीके से लागू करवाने को लेकर पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम लगी हुई है. उत्पाद विभाग द्वारा शराब कारोबारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. वहीं, कोर्ट द्वारा शराब कारोबारियों को सजा भी दी जा रही है. इसी कड़ी में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद द्वितीय उमेश मणि त्रिपाठी की अदालत ने मद्य निषेध थाना कांड संख्या 309/2022 से जनित न्यायालय उत्पाद वाद संख्या 962/22 में एक अभियुक्त झखराही वार्ड नंबर 26 निवासी शिबू पासवान को दोबारा शराब के सेवन करने का दोषी पाते हुए उक्त अधिनियम की धारा 37 के तहत एक वर्ष कारावास की सजा सुनायी है.

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उत्पाद विभाग ने शराब के नशे में किया था गिरफ्तार:बताते चलें कि 03 सितंबर 2022 को अभियुक्त शिबू पासवान को रात्रि 10:38 बजे उत्पाद विभाग ने शराब के नशे में गिरफ्तार किया था. ब्रेथ एनालाइजर से जांच करने पर शराब सेवन की पुष्टि हुई थी. अभियुक्त शिबू पासवान इससे पहले भी मद्य निषेध थाना केस संख्या 281/22 (विविध वाद संख्या 836/22) का अभियुक्त बना था. जिसमें जुर्माना देकर वह छूट गया था. पुन: 04 माह पूर्व सुपौल थाना अंतर्गत झखराही वार्ड नंबर 26 में शराब के नशे में उपद्रव मचाने के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था. वाद की सूचिका उत्पाद निरीक्षक कुमारी पल्लवी के लिखित आवेदन के आधार पर मद्य निषेध थाना कांड संख्या 309/22 दर्ज किया गया था.

सुपौल जिला में दोबारा शराब सेवन के मामले में यह है पहली सजा:इस मामले में कोर्ट में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक रूद्र प्रताप लाल के द्वारा सफल विचारण कराया गया. जबकि पुलिस अधीक्षक डी अमरकेश के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में त्वरित विचारण कोषांग द्वारा वाद का त्वरित विचारण कराते हुए कुल तीन साक्षियों की ससमय गवाही करायी गयी. जिसमें साक्षियों ने घटना तथा प्राथमिकी का समर्थन किया. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार वर्मा ने बहस में भाग लिया. 14 नवंबर को अभियोजन का बहस पूर्ण हुई और 15 नवंबर को अभियुक्त का बहस पूर्ण हुआ और 19 नवंबर को कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया. इस वर्ष शराबबंदी कानून में संशोधन होने के बाद सुपौल जिला में दोबारा शराब सेवन के मामले में यह पहली सजा है. जिससे शराबियों में भय का माहौल कायम होने की संभावना है.

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