पटना: बिहार में बाढ़ (Flood in Bihar) से निपटने की तैयारियों का अभी से जायाज लेने का सिलसिला शुरू हो गया है. सीएम नीतीश कुमार आज सुपौल में बाढ़ पूर्व तैयारियो का जायजा (Pre flood preparations in Supaul) लेंगे. वे बाढ़ से पहले जल संसाधन विभाग की तैयारियों का जायजा आज से शुरू कर रहे हैं. मुख्यमंत्री गुरुवार को पटना के कई संप हाउसों का निरीक्षण किया था. बरसात पूर्व तैयारियों को लेकर दिशा-निर्देश भी दिये थे. 31 मई तक सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को पूरा कर लेने का निर्देश भी दिया है. वहीं, सैदपुर नाले की और अधिक गहराई करने का भी निर्देश दिया है जिससे बरसात का पानी आसानी से निकल सके.
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अब वे उत्तर बिहार में जल संसाधन विभाग की तैयारियों का जायजा लेने अभियान आज से शुरु कर रहे हैं. जल संसाधन मंत्री संजय झा (Minister Sanjay Jha) लगातार सभी प्रमंडलों में बाढ़ पूर्व तैयारियों का पिछले कई दिनों से जायजा ले रहे हैं. जल संसाधन विभाग का दावा है कि इस बार तैयारी पूरी है. कई तरह के आधुनिक टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग किया गया है. उत्तर बिहार के 1 दर्जन से अधिक जिलों में हर साल बाढ़ आती है. कोसी, गंडक, बागमती नदियों में नेपाल से आने वाले पानी के कारण तबाही मचाती है. ऐसे तो हर साल तैयारियों को लेकर बड़ी राशि खर्च की जाती है. बड़े-बड़े दावे भी किये जाते हैं लेकिन लोगों की मुश्किल कम नहीं हो रही है. अब देखना है इस बार की तैयारी किस तरह की है और लोगों को कितनी राहत मिलती है.
पिछले साल 6.64 लाख हेक्टेयर फसल को नुकासान:पिछले साल बाढ़ से लगभग 80 लाख की आबादी प्रभावित हुई थी. 21 जिलों के 294 प्रखंडों में बाढ़ ने तबाही मचायी थी. 6.64 लाख हेक्टेयर फसल की क्षति हुई थी और राज्य सरकार की तरफ से 900 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का बाढ़ प्रभावितों के बीच भुगतान किया गया था. ऐसे तो जल संसाधन विभाग के मंत्री का दावा है कि बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी हो रही है. आधुनिक टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग किया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है कि अब हम लोगों का पूरा ध्यान 3 से 4 महीने आपदा पर ही रहेगा. जल्द ही उसकी बैठक भी करेंगे. जल संसाधन विभाग की ओर से बाढ़ की जानकारी, बचाव और सुरक्षा को लेकर आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है. तटबंद पर स्टील शीट पाइलिंग तकनीक का भी उपयोग किया जा रहा है. इसके बावजूद इन सब का कितना असर होता है, यह देखने वाली बात है.