सुपौल:बिहार के सुपौल में एनएच 57 पर रविवार की सुबह सड़क हादसा हो गया. पटना से पूर्णिया जा रही एक यात्री बस ने सरायगढ़ गांव के पास हाइवे पर खड़े दुर्घटनाग्रस्त ट्रक में पीछे से ठोकर मार दिया. जिसके कारण बस में सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई. जबकि बस में सवार सभी 30 यात्री जख्मी हो गए. घटना जिले के भपटियाही थाना क्षेत्र की है.
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दुर्घटनाग्रस्त ट्रक में बस ने मारी ठोकर: घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि कामाख्या ड्रीम लाइनर बस पटना से पूर्णिया जा रही थी. सरायगढ गांव के पास NH 57 पर एक सप्ताह पूर्व हुए दो दुर्घटनाग्रस्त ट्रक खड़ा थी. जिसमें पीछे से बस ने ठोकर मार दिया. बस में करीब 30 व्यक्ति सवार थे. जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. घटना में घायल लोगों को भपटियाही थाना पुलिस ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायगढ़ भपटियाही में भर्ती कराया गया है.
टक्कर के बाद बस के परखच्चे उड़े हादसे में कई लोग हुए घायल: घायलों में पूर्णिया जिला के रामनगर मरंगा थान क्षेत्र के अंकिता कुमारी (45 वर्ष), तान्वी कुमारी (25 वर्ष) और पूर्णिया जिला के केनगर मरंगा थाना क्षेत्र के सतकोदरिया पंचायत के कोला गांव निवासी शमीम अख्तर (50 वर्ष), श्याम कुमार मंडल (35 वर्ष), पूनम देवी (60 वर्ष), जया देवी (65 वर्ष), धृत नारायण मेहता (65 वर्ष), संतोष कुमार मेहता (35 वर्ष) के अलावा कई लोग घायल हैं. सभी घायलों का इलाज किया जा रहा है.
मृतक की नहीं हुई पहचान: घटना में गंभीर रूप से घायल अंकिता कुमारी और तान्वी कुमारी को इलाज के बाद हालत गंभीर होने के कारण सदर अस्पताल सुपौल रेफर कर दिया गया है. वहीं घटना में कई घायल लोगों को रेफरल अस्पताल सिमराही में भर्ती कराया गया है. भपटियाही थाना अध्यक्ष सुमन कुमार ने बताया कि घटना में एक अज्ञात व्यक्ति की मौत हो गई है. जिसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है.
"पुलिस मृतक अज्ञात व्यक्ति के लाश को अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच कर रही है. एनएचएआई विभाग के अधिकारियों द्वारा हाइड्रा के माध्यम से क्षतिग्रस्त बस को हटाया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक सप्ताह पहले ही दो ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसे एनएचएआई विभाग द्वारा हटाया नहीं गया था. जिसके कारण इतनी बड़ी घटना घटी है."- सुमन कुमार, थाना अध्यक्ष, भपटियाही थाना
अस्पताल में नहीं थी रोशनी की व्यवस्था: सड़क हादसे में घायल लोगों को पुलिस द्वारा सीएचसी भपटियाही में भर्ती कराया गया. उस वक्त सीएचसी भपटियाही अंधेरे में डूबा हुआ था. डॉक्टर शहनवाज आलम ने मोबाइल की रोशनी पर घायल लोगों का इलाज किया. घटना में घायलों का कटे-फटे अंगों को सिलाई करने सहित इलाज करने में डॉक्टर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
"मौसम खराब रहने के कारण सीएचसी में रात 12 बजे के बाद से ही बिजली नहीं है. लेकिन एनजीओ कर्मी द्वारा बताया गया कि जनरेटर में डीजल नहीं है. जिसके कारण रोशनी की व्यवस्था नहीं हो सकती है."- डॉ शाहनवाज आलम, चिकित्सक
सिविल सर्जन ने कही कार्रवाई करने की बात: प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामनिवास प्रसाद ने बताया कि 'एनजीओ के मनमानी के कारण रोशनी की व्यवस्था नहीं की जा रही है.' वहीं, सिविल सर्जन डॉक्टर मिहिर कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.