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पंचायत चुनाव: हार के बाद मुखिया समर्थकों ने समाहरणालय पर किया पथराव, पुलिसकर्मी जख्मी

बिहार के सुपौल (Supaul) में मुखिया प्रत्याशी के समर्थकों ने समहारणालय में जमकर हंगामा और पत्थरबाजी की. इस घटना में 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए. मुखिया प्रत्याशी आशा देवी को अखबारों में विजयी बताया गया लेकिन जीत का प्रमाण पत्र किसी और को देने से लोग आक्रोशित हो गए. क्या है पूरा मामला आगे पढ़ें..

Stone Pelting in supaul
Stone Pelting in supaul

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Published : Nov 16, 2021, 7:53 PM IST

सुपौल: सुपौल में पीपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में हारे हुए मुखिया प्रत्याशी आशा देवी के समर्थकों ने समाहारणालय गेट पर जमकर हंगामा किया. डीएम से मिलने की मांग को लेकर हंगामा करने के बाद लोगों ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर पत्थराव (Stone Pelting) कर उन्हें घायल कर दिया.

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इस मामले में पुलिस ने कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में भी कुछ को चोटें आयी हैं. जिन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में रखा गया है. जानकारी के मुताबिक पीपरा प्रखंड के दीनापट्टी पंचायत के लिए 13 नवंबर को मतगणना हुई थी. काउंटिंग के बाद जिला प्रशासन के मीडिया वाट्सएप ग्रुप में दीनापट्टी की आशा देवी और अदिति रिस्वाती दोनों प्रत्याशी के नाम को एक साथ दिखाते हुए 2464 वोट दिखाया गया. जबकि दुलारी देवी को 1695 मतों के साथ दूसरे नंबर पर बताया गया.

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वहीं इलेक्शन कमीशन (Election Commission ) की वेबसाइट पर अदिति रिस्वाती को विजेता घोषित किया गया है. लोग इस बात के भ्रम में थे कि आशा देवी और आदिती रिस्वाती दोनों अलग नाम हैं और जिसके बाद कुछ अखबारों में दीनापट्टी की प्रत्याशी आशा देवी की जीत की रिपोर्ट छप गयी. जबकि वो इस चुनाव में हार चुकी थीं.

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इसी मामले को लेकर आशा देवी के समर्थकों ने समाहारणलय गेट पर पहुंच कर हंगामा शुरु कर दिया. आक्रोशित जीत का सर्टिफिकेट देने की मांग करने लगे. जिसके बाद वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड पर पत्थरबाजी भी की गई. पत्थरबाजी के दौरान दो पुलिस कर्मी घायल हो गए.

"बताया गया था कि आशा देवी की जीत हुई है, लेकिन उनको सर्टिफिकेट नहीं मिला था. उसी के लिए डीएम को आवेदन दिए थे. पूछने आए थे कि सर्टिफिकेट मिलेगा या नहीं."- लाल बहादुर शर्मा, आरोपी

हालात बेकाबू होता देख पुलिस ने भी हवाई फायरिंग कर भीड़ को हटाया और कुल 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. घटना उस वक्त हुई जब जिले के डीएम और एसपी समाहारणालय में ही वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये शराबबंदी की समीक्षा बैठक में शामिल थे. इस घटना में घंटे भर तक समहारणालय रणक्षेत्र में तब्दील था.

इस बाबत एसपी मनोज कुमार ने बताया कि कुछ अखबरों में गलत रिपोर्ट छपी थी, जिसको लेकर समर्थकों द्वारा हंगामा किया गया. उन्होंने कहा समर्थकों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए थी. लेकिन उनके द्वारा उत्पात मचाया गया. इस मामलें में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करेगी. घटना को लेकर समाहरणालय की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.

"अचानक ये घटना घटी. इन लोगों की शिकायत थी कि अखबारों में विजेता नाम अलग है जबकि प्रमाण पत्र किसी और को दिया गया है. इन लोगों को अपनी बात सही तरीके से रखनी चाहिए थी. जिस तरह से हंगामा किया गया यह कहीं से उचित नहीं है. इस पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी."- मनोज कुमार, एसपी, सुपौल

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