बिहार

bihar

Bihar Matric Result : पिता के निधन के बाद मां ने पढ़ाया, बेटी दिव्या ने राज्य स्तर पर लाया 7वां स्थान

By

Published : Mar 31, 2023, 11:09 PM IST

सुपौल दो छात्र-छात्रा ने इस बार मैट्रिक परीक्षा में टॉप-10 में शामिल होकर जिले का नाम रोशन किया है. एक तरफ छात्रा दिव्या राज ने टॉप-10 में सातवें स्थान पर रही, वहीं छात्र नीतीश कुमार ने 10वां स्थान प्राप्त किया. दिव्या को यह शानदार उपलब्धि उसकी कड़ी मेहनत की बदौलत मिला है. उसका सपना आगे चलकर आईएएस बनने का है. पढ़ें पूरी खबर...

safalta
safalta

सुपौल : प्रतापगंज प्रखंड एक बार पुनः राज्य स्तर पर गौरवान्वित हुआ. मैट्रिक रिजल्ट में पब्लिक हाई स्कूल प्रतापगंज की छात्रा दिव्या राज ने जहां 479 अंक लाकर राज्य स्तर पर 07वां स्थान पाया है. वहीं हाजी नजीबुल्लाह प्लस टू उच्च विद्यालय सुरजापुर के छात्र नीतीश ने 476 अंक प्राप्त कर 10वां स्थान प्राप्त किया है. इसके पूर्व भी इंटर के रिजल्ट में सुरजापुर हाई स्कूल का छात्र जिलास्तर पर प्रथम स्थान पाया था.

ये भी पढ़ें - Bihar 10th Result 2023: नालंदा की संजू और अर्पिता टाॅप-10 में शामिल, कृष्णा को मिला छठा स्थान


मां की मेहनत ने लाया रंग :इस संदर्भ में दिव्या राज ने बताया कि अपनी कड़ी मेहनत और बड़ों के आशीर्वाद तथा मां परिणीता कुमारी के मार्ग दर्शन के बदौलत यह मुकाम हासिल की. बताया कि वह हमेशा स्कूल में क्लास करने के बाद ट्यूशन तथा कोचिंग भी करती थी. बताया कि वे अपने लक्ष्य को पाने के लिए 14 घंटे पढ़ाई करती थी. बताया कि आगे चलकर देश सेवा के लिए यूपीएससी कर आईएएस बना चाहती हैं. 15 वर्ष पूर्व पिता के निधन के बाद मां ने ही अपने तीन बच्चों का भरण पोषण कर उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया था. मां की मेहनत और धैर्य का ही परिणाम है कि दो भाई वाली एकल बहन दिव्या ने यह करिश्मा कर दिखाया.

हाजी नजीबुल्लाह प्लस टू उच्च विद्यालय का छात्र नीतीश कुमार ने मैट्रिक परीक्षा में राज्यस्तर पर 10वां स्थान प्राप्त कर जिला का नाम रोशन किया है. नीतीश निहायत ही गरीब परिवार का लड़का है, उसके पिता सपरिवार राज्य से बाहर हरियाणा में रहते हैं. जहां नीतीश के पिता दर्जी का काम करता है. माता रूबी देवी गृहिणी है. नीतीश दो बहनों का इकलौता भाई है. नीतीश ने बताया कि उनके पिता ने गरीबी के बावजूद उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा. माता का भी पूरा सहयोग मिला है. उसने बताया कि जयनगरा गांव में दादा-दादी के साथ रहकर पढ़ाई करता था. कहा कि वह 12 घंटे पढ़ाई करता था. आगे की योजना के संबंध में बताया कि वे डॉक्टर बन कर गरीबों की मदद करना चाहता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details