सिवान: कहते हैं कि 'जाको राखे साईयां, मार सके ना कोई' ये बात जिले के एक युवक पर चरितार्थ हो रही है. अपराधियों की 6 गोलियां खाने के बाद भी युवक आज जिंदा है, लेकिन कब तक इसकी जान बची रहेगी. इसको लेकर वो भी आशंकित है.
प्रशासन की लापरवाही इतनी है कि गोली मारने वाले अपराधी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं और युवक आज भी अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहा है. युवक को 6 गोलियां मारी गई है और सीसीटीवी फुटेज होने के बाद भी अब तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि गोली किसने मारी. आज भी युवक के शरीर में एक गोली अटकी हुई है और लॉकडाउन के बाद पटना के डॉक्टरों ने उसे निकालने की बात कही है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि नगर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर निवासी अमरजीत सिंह अपने रसीदचक के पास स्थित अपने कार्यालय में प्रतिदिन की तरह 20 मार्च को भी पहुंंचे. कार्यालय पहुंचने के बाद आम दिनों की तरह अपने कार्य में व्यस्त थे. इसी दौरान 5 की संख्या में अज्ञात अपराधी आए. इसके बाद ताबड़तोड़ गोलियां अमरजीत के ऊपर चला दिया, जिसमें 6 गोली अमरजीत को लगी और अपराधी फरार गए.
गोली मारकर बाहर निकलते अपराधी इस घटना की सूचना मिलते ही सिवान एसडीपीओ जीतेन्द्र पांडेय, नगर थाना और हुसैनगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची. गोली लगने के बाद बुरी तरह घायल अमरजीत को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां से उन्हें गंभीर स्थिति देखते हुए पटना रेफर कर दिया गया, लेकिन परिवार के लोगों ने उन्हें गोरखपुर ले जाकर इलाज करवाया, जहां 6 गोलियां लगने के बाद भी अमरजीत सिंह की जान बच गई.
'क्यों नहीं हुई गिरफ्तारी'
अमरजीत सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री, डीजीपी, सारण के डीआईजी, सिवान के एसपी समेत कई वरीय अधिकारियों से इस मामले को अवगत कराने और अपनी सुरक्षा कराने की गुहार लगाई, लेकिन किसी की तरफ से उन्हें कोई जवाब नहीं आया. उसने बताया कि उनके ऊपर कहीं भी किसी भी थाने में एक भी केस नहीं है. फिर भी पुलिस उसकी मदद नहीं कर रही है.