सिवान: कोरोना वायरस की वजह से सरकार की ओर से देशव्यापी लॉकडाउन लागू है. ऐसे में रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों में गए प्रवासी फंस गए हैं. जिन्हें वापस घर लाने के लिए सरकार ने कवायद तेज कर दी है. देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर सिवान स्पेशल ट्रेनों का आना शुरू हो गया है. शुक्रवार के दिन तीसरी श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन मजदूरों को लेकर सिवान पहुंची. जो राजस्थान के अलवर से 1192 मजदूरों को लेकर पहुंची है.
ट्रेन से सिवान पहुंचे मजदूरों को नहीं मिला खाना और पानी, स्टेशन पर हो रही फिजूलखर्जी - कोरोना वायरस
मजदूरों ने बताया कि ट्रेन में रेलवे प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं दी गई. नई दिल्ली में एक-एक बोतल पानी दिया गया. इसके बाद से न खाने की व्यवस्था की गई न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था की गई.
स्टेशन पर खाना और पानी का अभाव
बता दें कि सिवान स्टेशन पर 24 बोगियों के लिए 24 टेबल लगाए गए थे. जिस पर शिक्षक समेत कई अधिकारी बैठे हुए थे जो आने वाले मजदूरों की डिटेल लेकर उनकी स्क्रीनिंग कर रहे थे. इसके बाद मजदूरों को उनके संबंधित प्रखंड में क्वारेंटाइन के लिए भेजा गया. तो वहीं, सिवान से बाहर जिले के मजदूरों को बस से उनके जिले में भेजा गया. मजदूरों ने बताया कि ट्रेन में रेलवे प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं दी गई. नई दिल्ली में एक-एक बोतल पानी की व्यवस्था की गई. इसके बाद से न खाने की व्यवस्था की गई न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था की गई.
1192 मजदूर और छात्र पहुंचे अपने घर
मजदूरों ने बताया कि दिल्ली से भूखे प्यासे सिवान पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि सिवान रेलवे स्टेशन पर दिन में ही लाइट लगाकर फिजूलखर्ची किया जा रहा है जबकि मजदूरों की मूलभूत सुविधाओं को नजरअंदाज किया जा रहा हैं. बता दें कि राजस्थान के कोटा से 1266 छात्रों को लेकर पहली ट्रेन 12 मई को सिवान पहुंची. जबकि 14 मई को विभिन्न ट्रेनों से 1907 मजदूर सिवान पहुंचे. वही, शुक्रवार को 1192 मजदूर राजस्थान के अलवर से सिवान आए. लॉकडाउन के बाद से अब तक सिवान में कुल 4 हजार 365 मजदूर और छात्र पहुंच चुके हैं.