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सिवान: राजेंद्र बाबू की जन्मभूमि पर कांटे की टक्कर, बाहुबलियों की पत्नियां डटीं हैं मैदान में

यहां महागठबंधन ने पूर्व सांसद सजायाफ्ता मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा है. तो वहीं, एनडीए ने अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को टिकट दी है.

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Published : May 7, 2019, 7:20 PM IST

लोकसभा चुनाव

सिवान: लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत बिहार की सिवान लोकसभा सीट पर चुनाव 12 मई को होने हैं. देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली सिवान, हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती रही है. वहीं, इस बार यहां परोक्ष रूप से दो बाहुबलियों के बीच मुकाबला है.

सिवान में बाहुबलियों की पत्नियों के बीच चुनावी मैदान में सीधी टक्कर है. यहां महागठबंधन ने पूर्व सांसद सजायाफ्ता मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा है. तो वहीं, एनडीए ने अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को टिकट दी है.

अब तक का सफर
बिहार की इस लोकसभा सीट पर 1957 से अब तक कुल 15 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा बार मुस्लिम सांसदों ने यहां से संसद भवन का सफर तय किया है. वहीं, तेजाब कांड में सजायाफ्ता मोहम्मद शहाबुद्दीन राजद से सबसे ज्यादा 4 बार यहां से संसद पहुंचे.

यहां बाहुबलियों की है टक्कर

हिना शहाब
हिना शहाब 2009 में राजनीति में आईं थीं. इसकी वजह पति शहाबुद्दीन को आपराधिक मामले में सजा मिलना और इसके बाद चुनाव आयोग का शहाबुद्दीन पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा देना रहा. इसके बाद शहाबुद्दीन 2009 के लोकसभा चुनाव में मैदान में नहीं उतर सकते थे. लिहाजा, राजद ने शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए सीवान सीट से टिकट दिया था.

दोनों बार मिली हार
2009 में निर्दलीय उम्मीदवार ओम प्रकाश यादव ने उन्हें 63 हजार वोट से हरा दिया था. 2014 में बीजेपी के टिकट पर ओम प्रकाश यादव ने फिर एक बार हिना को 1 लाख से भी ज्यादा वोट हरा दिया.

इस बार 100 फीसदी जीत का दावा
हिना शहाब ने अपनी जीत को लेकर कहा कि वो यहां से 100 परसेंट जीत रही हैं. उनका कहना है कि वो सिवान के विकास के लिए सोचती हैं. जब उस लायक हो जाऊंगी तो कर के दिखाऊंगी.

NDA उम्मीदवार कविता सिंह
हिना की विरोधी कविता सिंह के पति अजय सिंह दबंग छवि वाले हैं. वो हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. फिलहाल कई आपराधिक मामलों में जमानत पर हैं. वहीं, कविता दरौंदा विधानसभा क्षेत्र से दो बार जदयू विधायक रही हैं और पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं.

क्या कहती हैं कविता?
चुनावी मैदान में उतरी कविता ने अपनी जीत को लेकर कहा कि जो देश के पीएम का नारा है, जो बिहार के सीएम नीतीश कुमार का नारा है. 'सबका साथ-सबका विकास', वही मेरा भी नारा है. वे सिवान में अमन, चैन कायम रखने की कोशिश करेंगी.

क्या हैं सिवान के मुद्दे?

  • बंद चीनी मिल को फिर से चालू करवाना
  • सरकारी अस्पताल और शिक्षा की बेहतर व्यवस्था.
  • रोजगार की समस्या
  • अपराध नियंत्रण यहां के प्रमुख मुद्दे हैं.

कैसा था 2014 का जनादेश

  • निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे ओमप्रकाश यादव ने जीत हासिल की थी
  • ओमप्रकाश को 3 लाख 72 हजार 670 वोट मिले थे
  • जबकि दूसरे नंबर पर हिना शहाब रहीं
  • उन्हें 2 लाख 58 हजार 823 वोट हासिल हुए थे

विधानसभा सीटें

  • सिवान में कुल 8 विधानसभा सीटें हैं
  • ये सीटें हैं- दरौली, जीरादेई, रघुनाथपुर, दरौंदा, महाराजगंज, गोरियाकोठी, बड़रिया और सिवान
  • वर्तमान में 4 सीटों पर जदयू का कब्जा है
  • 1 सीट बीजेपी के खाते में है
  • 1 सीट सीपीआई के खाते में है
  • 2 सीटें आरजेडी के खाते में हैं

वर्तमान सांसद का रिपोर्ट कार्ड
वर्तमान सांसद ओमप्रकाश यादव यहां से लगातार दो बार संसद तक पहुंच चुके हैं. संसद में उन्होंने 16 वीं लोकसभा में 48 बहसों पर हिस्सा लिया है. विभिन्न मुद्दों पर 18 प्राइवेट मेंबर बिल वे संसद में लेकर आए. 5 साल में संसद के पटल पर जनता से जुड़े 335 सवाल उन्होंने पूछे.

सांसद पर लगे कई आरोप
ओमप्रकाश यादव सोलर घोटाले के आरोप से घिरे हैं. आरोप है कि सांसद ओमप्रकाश यादव की दूसरे राज्य में सोलर कंपनी है. उसी से खरीदारी कर अपने संसदीय क्षेत्र में सोलर लाइट सांसद निधि से लगवा रहे हैं.

इस बार का वोटर

  • जिले के कुल मतदाता- 23 लाख 99 हजार 242
  • महिला मतदाता- 11 लाख 45 हजार 908
  • पुरुष मतदाता : 12 लाख 53 हजार 334
  • थर्ड जेंडर- 83

क्या है आम जनमत
स्थानीय लोगों का कहना है कि सिवान में जो भी सरकार आए वो यहां की सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार पर ध्यान दे. हम चेहरा देखकर वोट नहीं देना चाहते. वहीं, लोगों का कहना कि अगर सिवान की तीन चीनी मिल खुल जाएं तो यहां का भाग्य खुल जाएगा.

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