सीवान: 7 दिन पहले पिता की मौत हुई थी और अब पुत्र की भी कोरोना से मौत हो गई. अब उस घर दो छोटे-छोटे बच्चे और विधवा के अलावा मातम ही मातम है. बताया जाता है कि 20 अप्रैल को महाराजगंज कोविड 19 डेडिकेटेड अस्पताल में कोरोना की वजह से यदुनाथ साव की मौत हो गई थी. सात दिन बाद अब उनके बेटे की भी बुधवार को कोरोना ने जान ले ली.
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जानकारी के मुताबिक, सीवान के भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के जगदीशपुर गांव में कोरोना से पिता और पुत्र की मौत के बाद सभी सकते में है. ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना संक्रमण होने के बाद यदुनाथ साव की तबीयत बिगड़ने लगी. इस बीच बीमार पिता से मिलने बेटा दिल्ली से घर लौट आया. लेकिन यदुनाथ साव की तबीयत लगातार बिगड़ी गई और 20 अप्रैल को उसने दम तोड़ दिया.
पटना में इलाज के दौरान मौत
इस बीच बेटे शैलेष ने भी 21 अप्रैल को अपना कोविड टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. घरवालों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे पटना रेफर कर दिया गया. जिसके बाद बुधवार को उसकी मौत हो गई.
24 घंटे में 11 की मौत
डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में बुधवार को 24 घंटे के अंतराल में 11 संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है. इनमें लगभग सभी मरीज अधेड़ उम्र के थे, जिनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम था. हालांकि मृतकों के स्वास्थ्य संबंधी पल-पल की जानकारी उनके परिजनों को दी जा रही थी.
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मृतकों में पचरुखी के पिपरा पंचायत के मुखिया माधव सिंह, दरौंदा थाने के पिनर्थु गांव के मिलन मांझी, सीवान के धनपत राय और श्रीपति देवी, दीनदयालपुर गांव की नयन कुमारी देवी, रघुनाथपुर के जगदीश प्रसाद और बसावन राम, हसनपुरा सरैया गांव के इकराम खान, सुरबाला की अम्बिया खातून शामिल हैं. जबकि भगवानपुर के चौरासी गांव की इंदू देवी व गोरेयाकोठी के सरेया गांव के सुरेन्द्र प्रसाद की अस्पताल लाने के दौरान रास्ते में हो गई.