सिवान:रक्षा बंधन को लेकर बाजार सज गई है. राखी की दुकानों पर राखी खरीदने वाली बहनों की भीड़ है. गिफ्ट की दुकानों पर भाईयों की भीड़ है, जो बहनों के लिए गिफ्ट आइटम खरीदने में लगे हुए है. बाजारों में एक से बढ़कर एक राखियां बिक रही हैं.
बाजारों में बढ़ी रौनक
भाई-बहन के स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में रौनक है. हर बहन अपने भाई के लिए डिजाइनर और खूबसूरत राखियां खरीद रही हैं. बहनें अपने भाई की कलाई की रौनक बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. भाई भी अपनी बहनों के लिए उनकी पसंद का गिफ्ट ले रहे हैं.
खुद राखियां बना रहीं हैं बहनें
रक्षाबंधन को खास बनाने के लिए हर बहन कुछ अलग कर रही हैं. कुछ बहनें अपने भाई के लिए अपने हाथों से खूबसूरत राखियां बना रही हैं. खुद से राखियां बनाने वाली बहनों का मानना है कि हाथ से बनी हुई राखियों से यह रक्षाबंधन खास और यादगार रहेगा. कुछ बहनें राखियां बना तो रहीं हैं, लेकिन वो किसी को बांधेंगी नहीं. वो इन राखियों को संभाल कर रखना चाहती हैं. ये राखियां अपने उन भाइयों को समर्पित कर रही हैं. जो इस वर्ष रक्षाबंधन पर अपने घर नहीं आ सके.
सरहद पर खड़े जवानों के लिए बनाई राखी
अराध्या चित्रकला भवन में कुछ ऐसी बहनें मिलीं जिन्होंने बताया कि हमारी बनाई हुई राखियां सरहद पर देश की रक्षा कर रहे भाईयों के लिए है. ये भाई हमारे देश की रक्षा के लिए जान लुटा देते है. इन भाईयों की कलाइयों पर राखी बांधकर मैं देश की रक्षा के लिए उन्हें प्रेरित करना चाहती हूं.
केवल धागों का त्योहार नहीं है रक्षा बंधन
रक्षाबंधन का त्योहार केवल धागों के बांधने का त्योहार नहीं है. यह त्योहार बहन और भाई के अटूट स्नेह का है. जब बहन भाई के कलाई पर राखी बांधती है. तो वह राखी महज धागों की नहीं होती है. वह विश्वास का धागा होता है. जिसकी गुत्थियों में बहन अपने स्नेह का गांठ बांधती हैं.