सिवान:बिहार के सिवान में पुलिस की बड़ी लापरवाही (Police negligence in Siwan) सामने आयी है. सिवान सदर में कुछ कैदियों को सिवान कोर्ट से जेल भेजने के पहले मेडिकल चेकअप के लिए भेजा गया था लेकिन सदर अस्पताल पहुंचते ही ये सिपाही अपनी ड्यूटी भूल गए और आपस में बात करने में मशगूल हो गए. रस्सी छोड़कर सिपाही को बात करते हुए वीडियो में भी देखा जा सकता है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि रस्सी जमीन पर पड़ी है और सिपाही बात करने में मशगूल हैं.
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रस्सी में बंधे कैदियों को पुलिस ने खुले में छोड़ा: सिवान पुलिस के इन जवानों का कॉन्फिडेंस देख लीजिए. जहां आजकल भाई-भाई पर विश्वास करने में दस मर्तबा सोचता है. वहीं कैदियों पर इन जवानों को पूरा भरोसा है. पहले तो लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए कि रस्सी में कोरोना है. शायद इसलिए रस्सी आराम से झूल रही है, लेकिन कुछ देर बाद समझ आ गया होगा कि कोरोना नहीं बल्कि कैदियों पर सिपाही को भरपूर विश्वास है. शायद यही वजह है कि हथकड़ी की रस्सी छोड़ एक दूसरे से बात करने में लगे हुए थे.
पुलिस बनी रही अंजान: घंटों तक मुजरिम हथकड़ी में बंधकर अस्पताल परिसर में घूमते रहे और डयूटी पर तैनात सिपाही आपस में कुछ बतियाने में बिजी थे. सिपाही को यह नहीं मालूम था कि सदर अस्पताल से कई मुजरिम हथकड़ी सहित फरार हो चुके हैं. अगर यह भी भागे तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. हथकड़ी भी आज यह सोच कर खुश होगी कि भले ही किसी मुजरिम के हाथ में हूं, लेकिन विश्वास पूरा है कि कोई गड़बड़ी नहीं होगी.
दौड़ कर पकड़ी रस्सी:आपको बता दें कि जब पुलिस की नजर मीडिया के कैमरे पर पड़ी तो एक सिपाही दोड़कर आए और रस्सी को मजबूती से ऐसे पकड़ लिया, मानों रस्सी उन्होंने छोड़ी ही नहीं थी. बहरहाल दूसरी तस्वीर में भी आपने देखा कि एक सिपाही दूर है और एक साथ 4 कैदी रस्सी से बंधे हैं लेकिन सिपाही को कोई फर्क नहीं पड़ता. अब सवाल यह है कि कैदियों के साथ जब सिपाही को डयूटी पर भेजा जाता है, तो सिपाही अपनी डयूटी क्यों नहीं समझते. रस्सी छोड़ने को लेकर सिपाही से जब पूछा गया तो सिपाही ने कहा कि अगर कोई भागेगा तो गोली मार देंगे.