सिवान: जिले के कई गांव में आज भी पुरुष, महिलाओं और बच्चों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है. सरकार की हर घर शौचालय योजना इन गांव में दम तोड़ती नजर आ रही है. ऐसे कई गांव है जहां आज भी सुबह और रात में बड़ी संख्या में लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है.
इन गांव में आज भी नहीं है शौचालय, खुले में शौच जाने को मजबूर
खुले में शौच मुक्त बिहार बनाने के लिए सिर्फ शौचालय बनाना ही काफी नहीं है. शौचालय बनाने के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी करना पड़ता है.
गांव में नहीं बनी शौचालय
खुले में शौच मुक्त बिहार बनाने के लिए सिर्फ शौचालय बनाना ही काफी नहीं है. शौचालय बनाने के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी करना पड़ता है. ताकी लोग अपने घरों में सरकार के पैसे पर आश्रित ना रहकर खुद से घर में शौचालय का निर्माण करवाएं. वहीं कई गांवो में पूरे 12 हजार राशि नहीं मिलने के कारण गांव के ग्रामीण अपना शौचालय पूरा नहीं बना पाते हैं.
पर्याप्त राशिनहीं, शौचालय नहीं
वहीं 12 हजार रूपय में से 2 से 3 हजार रूपय शौचालय पास करने के नाम पर दलाल निगल जाते हैं. इस कारण ग्रामीण शौचालय नहीं बनवा पाते, मजबूरन उन्हें खुले में शौच जाना पड़ रहा है.वहीं जब इस संबंध में उप विकास आयुक्त से पूछा गया तो उन्होंने आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि अभी इस संबंध में कुछ भी नहीं किया जा सकता. चुनाव खत्म होने के बाद ही इस पर कुछ किया जा सकता है.