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सिवान: लाॅकडाउन ने छीना किन्ररों का रोजगार, DM से मिलकर बताई समस्या - लॉकडाउन

सिवान के किन्नरों ने डीएम से मिलकर अपनी समस्या की जानकारी दी. डीएम ने एसडीओ से मिल अपनी समस्या को उनके समक्ष रखने को कहा और जल्द ही निदान करने का आश्वासन भी दिया.

किन्नर
किन्नर और प्रशासन आमने-सामने

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Published : May 11, 2021, 4:25 AM IST

सिवान:लॉकडाउन की वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इसको लेकर सोमवार को किन्नर समुदाय के लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने वाले किन्नरों ने घंटों सड़क जाम कर अपना विरोध जताया. इसके बाद समाहरणालय के मुख्य द्वार पर पहुंच कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की.

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लॉकडाउन ने छीना किन्नरों का रोजी-रोटी
वहीं,किन्नर समुदाय के लोगों का कहना था कि लॉकडाउन के कारण रोजगार से वंचित हो रही है. हमलोगों के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है. किन्नर समुदाय नाच और गाना गाकर लोगों से बख्शीश लेकर अपना गुजारा करते हैं. लेकिन लाॅकडाउन में प्रशासन द्वारा समारोह पर प्रतिबंध लगा दिए जाने से हमारी सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

प्रशासन ने समझाया, डीएम से मिलने के जिद पर अड़े
प्रदर्शन की सूचना पाकर एसडीओ रामबाबू बैठा, एसडीपीओ जितेंद्र पांडेय, नगर थाना और मुफस्सिल थाना के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्हें समझा बुझाकर शांत कराने के प्रयास में जुट गए. लेकिन किन्नर अपनी मांगों को लेकर डीएम से मिलने की जिद पर अड़ गए. बाद में किन्नरों में शामिल उनके दो प्रमुख को जिलाधिकारी से मिलाया गया.
डीएम से मिलकर किन्नरों ने समस्या सुनाई
डीएम से मिल किन्नरों ने अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी दी. डीएम ने एसडीओ से मिल अपनी समस्या को उनके समक्ष रखने को कहा और जल्द ही निदान करने का आश्वासन भी दिया. इसके बाद सभी किन्नरों ने अपना प्रदर्शन बंद कर लिया.

प्रशासन ने कहा- राशन कार्ड कराएंगे मुहैया
सदर एसडीओ रामबाबू बैठा ने बताया कि किन्नरों की मांग थी कि उन्हें खाने-पीने की परेशानी हो रही है. इसको लेकर उन्हें कहा गया कि वे अगर चाहे तो प्रशासन के स्तर से उन्हें एक दिन में राशन कार्ड मुहैया कराया जाएगा. सभी किन्नर अपना फोटो अनुमंडल कार्यालय में जमा कर दें, लेकिन किन्नरों ने यह बताया कि वे निश्चित समय पर एक स्थान पर नहीं रहते हैं. इसके बाद उन्हें सामुदायिक किचन में प्रशासन द्वारा भोजन कराने की बात बताई गई.

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