बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Bihar Politics: 'मैं नीतीश कुमार का बंधुआ मजदूर नहीं', आखिर PK ने ऐसा क्यों कहा?

सिवान में जनसुराज पदयात्रा के दौरान संयोजक प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जिस नीतीश कुमार का हम विरोध कर रहे हैं. उनका मैंने पांच साल के लिए ही समर्थन किया था. उसके बाद सिर्फ वे जुगाड़ से सीएम की कुर्सी पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में विकास नहीं हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

सिवान में प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश पर बोला हमला
सिवान में प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश पर बोला हमला

By

Published : Mar 5, 2023, 2:35 PM IST

जनसुराज संयोजक प्रशांत किशोर

सिवान: बिहार के सिवान में जनसुराज संयोजक प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता के दौरान सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी प्रमुख लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुझे बिहार में 150 से ज्यादा दिन हो गए. इस पदयात्रा में कई गांवों में जाकर लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनकर हैरान होता हूं. कई गांवों में जाकर देख रहा हूं कि उसमें सात निश्चय योजना के तहत कोई भी काम जमीन पर नहीं उतरी है. यहां पर कई योजनाओं की राशि बंदरबांट हो जाती है.

यह भी पढ़ें-बोले प्रशांत किशोर- 'केवल बिहार में ही जाति पर वोटिंग नहीं होती, दूसरे राज्य हमसे कम नहीं'

सीएम नीतीश ने दिया था इस्तीफा: उन्होंने कहा कि कई लोगों का सवाल होता है कि पहले हम नीतीश कुमार के साथ थे. अब उनका विरोध क्यों करते हैं. इसका जवाब सुन लीजिए. जब नीतीश कुमार 2014 में जेडीयू के नेता थे. उस समय वह चुनाव नहीं हारे थे. इसके बावजूद भी सीएम पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिए थे. उस चुनाव में उनकी पार्टी सिर्फ लोकसभा की दो सीटों पर जीत सकी थी. फिर भी नैतिकता के आधार पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कम सीट जीती.



2005 से 2012 में बिहार की स्थिति सुधरी:प्रशांत किशोर ने कहा कि 2005 से लेकर 2012 तक बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में काफी सुधार आया था. उस समय मैंने नीतीश कुमार का साथ दिया था. जबकि अब वह नीतीश कुमार कुर्सी के लिए कभी भी गठबंधन बदल सकते हैं. यहीं नहीं कोरोना काल मे हजारों मजदूर काफी परेशान हो रहे थे. उस समय नीतीश कुमार खुद भी अपने बंगले से नहीं निकले. उस समय भी उनलोगों की मदद नहीं की गई थी.

'जात की नहीं स्वार्थ की राजनीति':पीके ने बताया कि यहां जात-पात की राजनीति नहीं होती है. यहां सिर्फ स्वार्थ की राजनीति होती है. अगर जाति की राजनीति होती तब लालू यादव कहते कि कोई भी यादव समाज का व्यक्ति मुख्यमंत्री बन सकता है. लेकिन वह जात की राजनीति नहीं करके यह कहते हैं कि मेरा बेटा मुख्यमंत्री बनेगा. आप उसको वोट कीजिए. इसलिए वे लोग सिर्फ स्वार्थ की राजनीति करते हैं.

'स्वार्थ की राजनीति कर रहे मांझी': उन्होंने जीतन राम मांझी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह भी स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं. इसमें जात की राजनीति कहां दिखती है. जो जिस जात का नेता है. वह कहता है कि आप मुझे मुख्यमंत्री बनाइए. वह यह नहीं कहता कि आप मुख्यमंत्री बन जाइए. इसलिए सोच समझकर वोट करेंगे तभी बिहार की दशा और दिशा बदलेगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details