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ब्राह्मणों को गाली देकर फंस गए मांझी, जीतन राम के खिलाफ सिवान व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर - बिहार की खबरें

जीतन राम मांझी के ब्राह्मणों को लेकर दिये गए विवादित बयान ( Jitan Ram Manjhi controversial statement ) के बाद बिहार की सियासत गरमायी हुई है. वहीं, सिवान व्यवहार न्यायालय में मांझी के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Jitan Ram Manjhi
Jitan Ram Manjhi

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Published : Dec 22, 2021, 1:43 PM IST

Updated : Dec 23, 2021, 4:36 PM IST

सिवान:बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ( Former CM Jitan Ram Manjhi ) के खिलाफ सीवान सीजेएम कोर्ट ( CJM Court Siwan ) में परिवाद दायर हुआ है. पूर्व सीएम मांझी पर परिवाद सीवान व्यहार न्यायालय के अधिवक्ता और महादेवा निवासी संजीव कुमार चतुर्वेदी ने किया है.

दायर परिवाद में कहा है कि मांझी ने सत्यनारायण भगवान के कथा के नाम ब्राह्मण समाज के लिए अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया है, जिससे सनातन धर्मावलंबियों और ब्राह्मण समाज को आघात पहुंचा है. उनके द्वारा प्रयोग किए गए शब्द से जातीय उन्माद फैलाने का प्रयास किया है.

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गौरतलब है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शनिवार की शाम पटना के कालिदास रंगालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए ब्राह्मणों और देवी-देवताओं के लिए बेहद अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया था.

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जीतन राम मांझी ने 19 दिसंबर को पटना में एक जनसभा के दौरान ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. उन्होंने कहा था.'जब मैं छोटा था, सत्यनारायण पूजा का प्रचलन हमारे समुदाय (मुसहर) में ज्यादा लोकप्रिय नहीं था. इन दिनों सत्यनारायण पूजा का प्रचलन लगभग हर घर में हो रहा है. इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि ब्राह्मण **** (पंडित) हमारे घर आते हैं. पूजा करते हैं, लेकिन वे हमारे घरों में खाना नहीं खाते हैं. वे बेशर्मी से हमारे घरों में खाना खाने के बजाय हमसे पैसे (दक्षिणा) मांगते हैं.'

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आरोप है कि मांझी ने अपने समुदाय के लोगों और ब्राह्मणों दोनों के लिए भी अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया. मांझी ने कहा था, 'बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर हिंदू थे, लेकिन उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले धर्म बौद्ध अपना लिया. उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय सबसे खराब समुदाय है और इसलिए उन्होंने धर्म बदल दिया था. जब उनकी मृत्यु हुई, तो वह बौद्ध थे.'

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20 दिसंबर को मांझी ने अपने बयान पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ नहीं, बल्कि अपने समुदाय के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था. मांझी ने कहा,'फिर भी अगर किसी को मेरे बयान से ठेस पहुंची है तो मैं अपनी बात वापस ले लूंगा.'

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Last Updated : Dec 23, 2021, 4:36 PM IST

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