सिवानः कहते हैं कि अगर इंसान के दिल में हौसला हो और कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो वैसे लोग दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते हैं. कुछ ऐसा ही सिवान के 3 भाइयों ने मिलकर किया है. जिले के सिवान बड़हरिया के रानीबाड़ी निवासी तीन भाई कश्मीर में रह कर मजदूरी करते थे. लेकिन आज ये लोग दूसरों को रोजगार दे रहे हैं.
कश्मीर में करते थे मजदूरी
रानीबाड़ी निवासी मो. यूसुफ, मो. मुस्तफा और मो. याकूब कश्मीर में 20 साल से मजदूरी करते थे. जिसके बाद स्वावलम्बी बनने और अपना रोजगार करने के लिए सभी सिवान वापस आ गए. जहां उन्होंने नर्सरी का व्यवसाय शुरू किया. इसके तहत उन्होंने अब तक 18 लोगों को रोजगार दिया है.
झेलनी पड़ती थी परेशानी
मो. याकूब ने बताया कि वे लोग कश्मीर में रह कर मजदूरी करते थे. उन्होंने बताया कि हड़ताल होने या किसी अन्य कारण से काम बंद होने से उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. जिससे खाने पीने पर भी आफत आ जाती थी. इन सबको देखते हुए उन्हें अपना रोजगार शुरू करने का ख्याल आया.
नर्सरी में हैं 3 लाख से ज्यादा पेड़
नर्सरी मालिक ने बताया कि प्रधानमंत्री योजना के तहत 25 लाख का लोन लेकर उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया. उन्होंने बताया कि अभी 1500 से ज्यादा किस्म के पेड़ पौधे और फूल नर्सरी में है. वहीं, कुल 3 लाख से ज्यादा पेड़ पौधे हैं. याकूब ने बताया कि अपना रोजगार करके उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है.
लोगों को कर रहे प्रेरित
याकूब ने बताया कि पहले वे गमले खरीद कर पौधे रखा करते थे. लेकिन जैसे-जैसे व्यवसाय बढ़ता गया उन्होंने गमले बनाने का काम भी शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि लखनऊ के दो कारीगर नर्सरी में गमले बनाने का काम करते हैं. इन तीनों भाईयों की कहानी से दूसरे लोग आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.