सिवानः बिहार के कुख्यात खान ब्रदर्स के बड़े भाई अयूब खान को सिवान लाया गया (Arrested Ayub Khan in Siwan). कड़ी सुरक्षा के बीच कुख्यात अयूब खान की कोरोना जांच (Ayub Khan Corona Test) हुई. दो दिन पहले ही पूर्णिया में उसकी गिरफ्तारी हुई थी. तीन युवकों के मर्डर केस में उसका नाम शामिल है. दो दिनों में उसे कई थानों में इधर-उधर रखा गया. सिवान सदर अस्पताल में उसकी कोरोना जांच हुई.
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बताते चलें कि अयूब खान गैंगटॉक से मुजफ्फरपुर लौट रहा था. इसी दौरान पटना की एसटीएफ टीम (Patna STF arrested Ayub Khan) ने पूर्णिया से दो दिन पहले उसे गिरफ्तार किया था. कल सुबह सिवान लाया गया और कई थानों में इधर-उधर रखा गया. आज सोमवार को अयूब खान की कोरोना जांच हुई. उसके बाद पुलिस कस्टडी में इन्हें रखा गया है.
बताते चलें कि हाल ही में तीन लड़के गायब हुए थे, एक विशाल सिंह, दूसरा अंशु सिंह और तीसरा परमेंद्र यादव. आरोप है कि इन तीनों की हत्या में अयूब खान का ही हाथ है. हालांकि अभी तक इस मामले पर प्रशासन कुछ भी कहने से इंकार कर रही है कि आखिर वह तीनों जो लड़के थे, उनके साथ क्या हुआ है. अभी तक कुछ स्पष्ट रूप से प्रशासन जवाब नहीं दे रही है.
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इस पूरे मामले पर पुलिस कस्टडी में ही अयूब खान से बात करने का प्रयास किया गया कि आखिर उन पर क्या कुछ आरोप है. किस मामले में गिरफ्तारी हुई है. इस पर अयूब खान ने कहा कि हमें पता नहीं है कि किस मामले में हमें गिरफ्तार किया गया है. हम गैंगटॉक से आ रहे थे, तो गिरफ्तारी हुई है.
बता दें कि 7 नवंबर को सिवान नगर थाना क्षेत्र के रामनगर आंदर ढाला निवासी विशाल सिंह, हुसैनगंज थाना क्षेत्र के पैगम्बरपुर निवासी अंशु सिंह और चालक जीरादेई थाना क्षेत्र के भलुआ निवासी परमेंद्र यादव के साथ घर से निकला लेकिन देर रात तक वापस नहीं आया. अगले दिन 8 नवंबर को इनकी स्कॉर्पियो लावारिस हालत में गोपालगंज जिला के मीरगंज थाना क्षेत्र के सबेया एयरपोर्ट के पास बरामद की गई थी.
वहीं, इस मामले में पुलिस ने संदीप नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था. संदीप ने इस मामले में अयूब खान का नाम लिया था. संदीप सिवान के नगर थाना क्षेत्र के शुक्ल टोली का रहने वाला है, पुलिसिया पूछताछ में उसने बताया था कि लापता विशाल सिंह, अंशु सिंह, परमेंद्र यादव के साथ वह खुद भी अयूब खान के लिए काम करते थे.
संदीप के अनुसार, अयूब खान ने विशाल को काले रंग की स्कॉर्पियो भी दी थी. विशाल सिंह अयूब खान के बताए गए ठिकानों से पैसे वसूलने का काम करता था. उसने बताया कि विशाल हाल के दिनों में अयूब खान के नाम पर रंगदारी मांगने लगा था और पैसों को लेकर बेईमानी भी करता था. इस कारण अयूब खान उससे खफा हो गया और विशाल को खत्म करने की साजिश रची.
संदीप ने बताया कि 7 नवंबर को वह विशाल, अंशु और उसके ड्राइवर परमेंद्र के साथ बड़हरिया थाना क्षेत्र के बीबी के बंगरा गांव पहुंचा. वहां पर वह सिगरेट पीने के लिए रुक गया. उसने बताया कि जब वह करीब दो घंटे बाद गया तो देखा कि चाय पीते-पीते तीनों गिर गए. इसके बाद अयूब खान आया और अपने साथियों से कहा कि इन तीनों को ठिकाने लगा दो. उसने पुलिस को बताया कि कि अयूब खान ने मुझे धमकी देकर छोड़ दिया.
बता दें कि अयूब खान सिवान में खान ब्रदर्स के नाम से मशहूर है. उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. अयूब के पिता कमरुल हक और भाई चांद खान रघुनाथपुर विधानसभा के प्रत्याशी रह चुके हैं. 9 फरवरी 2005 में को सिसवन थाना क्षेत्र के ग्यासपुर निवासी कमरूल हक का अपहरण नगर थाना के लक्ष्मीपुर ढाले से कर लिया गया था. कमरुल हक अयूब खान के पिता हैं.
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