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सीतामढ़ी: किसानों के समर्थन में युवा कांग्रेस ने निकाला विरोध मार्च, कृषि कानून वापस लेने की मांग - कृषि कानून 2020

जिले में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के चक्का जाम के समर्थन में विरोध मार्च निकाला. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सराकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

Sitamarhi
किसानों के समर्थन में युवा कांग्रेस ने निकाला विरोध मार्च

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Published : Feb 6, 2021, 5:48 PM IST

सीतामढ़ी: अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के चक्का जाम के समर्थन में शनिवार को युवा कांग्रेस ने शहर में विरोध मार्च निकाला. जिलाध्यक्ष मो. शम्स शाहनवाज के नेतृत्व में मेहसौल चौक से कारगिल चौक तक आयोजित विरोध मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद-काले कानून वापस लो के नारा भी लगाए.

74 दिनों से किसान गांधीवादी तरीके से कर रहे हैं आंदोलन
इस मौके पर युवा कांग्रेस अध्यक्ष शम्स शाहनवाज ने कहा कि पिछले 74 दिनों से देश के लाखों किसान अपनी खेती और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बचाने के लिए गांधीवादी तरीके से आंदोलन चला रहे हैं. उनके इस आंदोलन के साथ पूरा देश मजबूती के साथ खड़ा है, लेकिन सत्ता के अहंकार में चूर मोदी सरकार इस आंदोलन को बदनाम करने और आंदोलनकारियों को थकाने के लिए नित रोज नए हथकंडे अपना रही है.

कृषि मंत्री कर रहे संसद को गुमराह
शम्स शाहनवाज ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने संसद को गुमराह करने और देश को भटकाने की एक नई कोशिश की है. सार्वजनिक तथ्य है कि किसान संगठन सरकार से 11 दौर की बैठकें कर चुके हैं, जिसमें किसानों ने तीनों कृषि कानूनों में विभिन्न खामियों का बिंदुवार ब्यौरा दिया है, जिसके बाद केंद्र सरकार तीनों कानूनों में 18 संशोधन करने की बात स्वीकार कर चुकी है, ऐसे में कृषि मंत्री का संसद में दिया गया वक्तव्य बेहद आपत्तिजनक और तथ्यों से परे है.

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पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार लाई है कानून
शम्स शाहनवाज ने कहा कि सरकार ने बहुमत के घमंड और अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए इन कृषि कानूनों को किसानों पर थोप दिया, जिसका देश के सभी किसान संगठन विरोध कर रहे हैं. हम देश के प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि अहंकार त्यागें और किसानों की जायज मांगों को मानते हुए तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करें.

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