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सीतामढ़ी में बंध्याकरण के 6 महीने बाद महिला ने दिया जुड़वां बच्चों को जन्म

सीतामढ़ी में बंध्याकरण के 6 माह बाद एक महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है. ये देखकर हर कोई हैरान है कि नसबंदी के बाद भी महिला को बच्चा कैसे हुआ. वहीं, सीतामढ़ी स्वास्थ्य विभाग (Sitamarhi Health Department) में इस सूचना के बाद हड़कंप मचा हुआ है.

सीतामढ़ी स्वास्थ्य विभाग का कारनामा
सीतामढ़ी स्वास्थ्य विभाग का कारनामा

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Published : Sep 12, 2022, 8:48 AM IST

Updated : Sep 12, 2022, 11:48 AM IST

सीतामढ़ीः बिहार के सीतामढ़ी में बंध्याकरण के 6 महीने बाद भी एक महिला (Woman Gave Birth To Twins aAter Sterilization) ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया. इस बात की सूचना मिलते ही सीतामढ़ी स्वास्थ्य विभागमें हड़कंप मचा गया. जिले में स्वास्थ्य विभाग की बंध्याकरण से संबंधित लापरवाही के कई मामले पहले भी सामने आ चुकी हैं. इस बार ये मामला जिले के बोखारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Bokhara Primary Health Center) का है. अब इस बात की जांच की जा रही है कि आखिर नसबंदी के बाद भी महिला ने बच्चे को जन्म कैसे दिया, उसके ऑपरेशन में कहां पर चूक हुई है.

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दरअसल सीतामढ़ी के सौरिया गांव निवासी जयकरण सहनी की पत्नी मीरा देवी का बीते 22 फरवरी को बंध्याकरण का ऑपरेशन कराया गया था. जिसके 6 माह बाद मीरा ने बीते शुक्रवार को एक लड़की और एक लड़के को जन्म दिया. बच्चे के जन्म के बाद जहां एक तरफ लोग खुश होते हैं तो वहीं जयकरण के घर में मायूसी है. जयकरण को पहले से ही 5 बच्चे हैं. जिस वजह से उन्होंने बंध्याकरण का ऑपरेशन कराया था. मीरा के परिजनने बताया कि 22 फरवरी 2022 को उसने बंध्याकरण का ऑपरेशन बोखरा पीएचसी में कराया था. उस वक्त गर्भवती की एचआईवी समेत अन्य जांच हुई, इसके बाद उसका बंध्याकरण का ऑपरेशन कराया गया.

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"इसका बंध्याकरण का ऑपरेशन बोखरा पीएचसी में कराया गया था. उस वक्त गर्भवती और एचआईवी जांच के साथ-साथ कई जांच हुई थी, लेकिन ये बात जांच में नहीं आई कि तीन महीने का गर्भ है. बंध्याकरण का ऑपरेशन कर दिया गया. बाद में 4 महीना बाद गांव के डॉक्टर ने बताया कि ये गर्भवती है. अब इसका 7 बच्चा हो गया है, पहले से ही पांच बच्चा था"- चचरी देवी, परिजन

महिला के पति ने की डीएम से शिकायतः इस मामले में जयकरण ने सीतामढ़ी जिलाधिकारी को मेल के जरिए इसकी शिकायत कर मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और न्याय की मांग की है. जयकरण ने बताया कि जब स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में पता किया कि ऐसा कैसे हो गया कि बंध्याकरण के वक्त जब उसकी पत्नी 3 माह की गर्भवती थी, ये बातें जांच में क्यों नहीं आई. तो किसी ने कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर दिया. यहां तक कि चिकित्सक के बारे में भी किसी ने नहीं बताया. स्थानीय लोग बताते हैं कि मीरा के पति बेरोजगार हैं, गांव में ही रह कर खेती बाड़ी का काम करते हैं. परिवार का भरण पोषण किसी तरह होता है.

पहले भी हो चुकी है ऐसी लापरवाहीः जिले में बंध्याकरण में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व भी सदर अस्पताल और बोखरा पीएचसी में इसी लापरवाही हुई थी. इससे पूर्व बोखरा पीएससी में 24 दिसंबर 2021 को जननी एजेंसी के द्वारा आयोजित बंध्याकरण शिविर में मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र के अतरार निवासी वीरेंद्र की पत्नी रेखा देवी का बंध्याकरण ऑपरेशन कराकर दवा दी गई थी, जिसमें एजेंसी का लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया था. दूसरा मामला सदर अस्पताल में सामने आया था, जहां 3 दिसंबर 2021 को बंध्याकरण का ऑपरेशन कराने के बाद बथनाहा थाना क्षेत्र निवासी अनीता देवी गर्भवती हो गई थी.


Last Updated : Sep 12, 2022, 11:48 AM IST

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