सीतामढ़ीः जिले के सोनबरसा पुलिस बीते रविवार को एक स्वर्ण व्यवसाई की गिरफ्तारी के लिए नेपाल गई थी. जिसे स्थानीय लोगों ने पकड़कर बंधक बना (Two Bihar Policemen Captured In Nepa) लिया था. पुलिस जवान के साथ लोगों ने मारपीट भी की थी. इसके बाद उसे नेपाल पुलिस के हवाले कर दिया गया. इस मामले में एक अच्छी खबर आई है. नेपाल पुलिस के डीएसपी ने इसकी पुष्टि की है. कहा कि नेपाल मंत्रालय के आदेश पर जवान को रिहा किया जाएगा. इसके लिए कार्रवाई की जा रही है. (bihar police beaten up in nepal) (sitamarhi police beaten up in nepal )
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"पुलिस जवान को सुरक्षा के साथ रखा गया है. रिहाई के लिए कार्रवाई की जा रही है. नेपाल गृह मंत्रालय का आदेश मिलते ही जवान को रिहा किया जाएगा. जवान को सही सलामत सोनबरसा थाने को सौंप दिया जाएगा."-विजय कुमार, डीएसपी, नेपाल पुलिस
अपराधी को गिरफ्तार करने गई थी पुलिसः नेपाल के सर्लाही जिला मलंगवा पुलिस के डीएसपी विजय कुमार ने मामले की जानकारी दी है. बताया कि अपहरण के सिलसिले में एक अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए बिहार पुलिस आई थी. जिसे नेपाली ग्रामीणों ने पकड़ लिया था. इसके बाद लोगों ने पुलिस जवान को नेपाली पुलिस के हवाले कर दिया है. डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस ने भारतीय सुरक्षा कर्मी होने की जानकारी दी. जिसे सुरक्षा के साथ रखा गया है.
रविवार की शाम का मामलाः डीएसपी विजय कुमार ने बताया कि मामला रविवार की शाम का है. नवलपुर स्थित सोना चांदी व्यवसायी गुड्डू साव को भारतीय पुलिस गिरफ्तार करने ले लिए आई थी. जहां व्यवसायियों को लगा कि किसी अज्ञात समूह द्वारा अपहरण किया जा रहा है. जिसको लेकर ग्रामीणों की भीड़ जुटी और खदेड़ाना शुरू किया. जिससे भारतीय पुलिस गाड़ी लेकर भाग निकली. जबकि एक सोनबरसा थाना का सैफ जवान को व्यवसायी द्वारा पकड़ कर नेपाल पुलिस के हवाले कर दिया गया.
पटना स्टेशन पर साइकिल लूट का मामलाः नेपाल पुलिस के अधिकारी के अनुसार पटना स्थित एक स्वर्ण व्यवसायी से लूट हुई थी. इस मामले में सोनबरसा पुलिस ने नवलपुर पुनरबास निवासी सुंदर पासवान व जंगली पासवान को गिरफ्तार करने के लिए गई थी. हालांकि एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि नेपाल पुलिस के सहयोग से नेपाल क्षेत्र में प्रवेश करना चाहिए था. क्योंकि बिना सूचना के जाने से कोई बड़ी अनहोनी से इन्कार नहीं किया जा सकता था. बताया गया कि भारतीय पुलिस को नेपाल गृह मंत्रालय से आदेश आने के बाद रिहा किया जाएगा.