सीतामढ़ीः बिहार के सीतामढ़ी में बाघ देखे जाने का मामला सामने आया है. ग्रामीणों के अनुसार गुरुवार को बाघ ने दो घोड़ों पर हमला (Tiger attacked horses in Sitamarhi ) कर उन्हें घायल कर दिया. इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई है. यह घटना डुमरा प्रखंड के पुनौरा गांव की है. बाघ का आतंक जिले में बढ़ता जा रहा है. करीब एक सप्ताह पहले बाघ ने यहां दो महिलाओं पर भी हमला किया था. इसके बाद वन विभाग ने बाघ की काफी छानबीन की, लेकिन बाघ का नामोनिशान नहीं मिला था.
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सीतामढ़ी में बाघ का आतंक: जिले में लगातार बाघ का दहशत जारी है. इस बार बाघ ने दो घोड़े पर हमला कर घायल किया है. घोड़े पर हमले के बाद बाघ ने घोड़े के पिछला आधा हिस्सा खा लिया. बुधवार को वन विभाग की टीम ने बाघ को खोजने के बाद यह समझ लिया था कि जिले से अब का पलायन हो चुका है, लेकिन गुरुवार की सुबह फिर बाघ ने घोड़ों पर हमला कर दिया. इस घटना के बाद फिर से विभाग हरकत में आ गई है.
पाव के निशान दिखने से दहशत में ग्रामीण: बुधवार को वन विभाग की टीम ने बाघ को खोजने के बाद यह समझ लिया था कि जिले से अब बाघ का पलायन हो चुका है. लेकिन गुरुवार की सुबह दो घोड़ों पर बाघ के हमले ने सनसनी मचा दी. गुरुवार को डुमरा प्रखंड के पुनौरा में बाघ होने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम हरकत में आ गई. फॉरेस्ट विभाग की टीम गुरुवार को बाघ के पद चिह्नों के अनुसार उसे खोजने में जुट गई है.
फारेस्ट विभाग की टीम खोजने में जुटीः गुरुवार को फॉरेस्ट विभाग की टीम ने अंदाजा लगाया था कि बाघ फिर से पड़ोसी देश नेपाल में चला गया है. राजधानी पटना से फॉरेस्ट विभाग की पांच टीमों को बाघ को रेस्क्यू करने के लिए भेजा गया है. वहीं वन अधिकारी नरेश प्रसाद ने बताया कि बाघ के पद चिह्न मिले थे. बाघ के पग मार्ग एनएच तक मिले थे. उसके बाद पद चिह्न नहीं मिले. इससे लगता है कि बाघ फिर से उसी रात लौट गया है.
"बाघ के पद चिह्न मिले थे. बाघ के पग मार्ग एनएच तक मिले थे. उसके बाद पद चिह्न नहीं मिले. इससे लगता है कि बाघ फिर से उसी रात लौट गया है. शायद पड़ोसी देश से बाघ यहां आया था" - नरेश प्रसाद, वन पदाधिकारी