सीतामढ़ी: बिहार में नीतीश कुमार सुशासन बाबू कहे जाते हैं. सुशासन का मतलब अच्छा शासन. लेकिन, बिहार में तेजी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है. हर जिले में बढ़ते अपराध पर सरकार को आइना दिखाने के लिए ईटीवी भारत की टीम आम लोगों से बात कर रही है. आइए जानते हैं सीतामढ़ी के लोग लॉ एंड ऑर्डर पर क्या कहते हैं.
आपराधिक घटनाओं में आशातीत बढ़ोतरी
प्रदेश में नीतीश कुमार की सरकार है.. वहीं नीतीश जो सुशासन बाबू के नाम से मशहूर है, और क्राइम पर जीरो टॉलरेंस की बात कहते हैं. सुशासन बाबू के डीजीपी कहते हैं अपराधियों को दौड़ा-दौड़ा कर सबक सिखाइए. लेकिन, हकीकत इसके बिल्कुल उलट है. राज्य में ना तो क्राइम कंट्रोल में है और ना अपराधियों को सबक ही मिल रहा है. बजाए इसके प्रदेश के हर कोने में क्रिमिनल बेखौफ होकर अपराध कर रहे हैं. हत्या, लूट, रंगदारी, चोरी, डकैती और दुष्कर्म. इन सभी घटनाओं में आशातीत बढ़ोतरी हुई है.
ढाई महीने में सामूहिक दुष्कर्म की दो घटनाएं
सीतामढ़ी में भी महज ढाई महीने में सामूहिक दुष्कर्म की दो घटनाओं ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पहली वारदात 1 अगस्त को हुई, दरिंदों ने एक नेपाली युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. मामले की जांच ठीक से शुरु भी नहीं हो पाई थी कि फिर 11 अक्टूबर को नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. लेकिन, सुशासन बाबू की पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने से भी कतराती रही स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने जब आवाज बुलंद की तब जाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया..
खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे लोग
ऐसा नहीं है कि ये घटनाएं पहली बार हुईं हो..पूरे प्रदेश में ऐसी कई वारदातें होती जा रही हैं.. और पुलिस की नींद टूट ही नहीं रही. समाज के बाशिंदे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे और पूरे सिस्टम को फेल बता रहे हैं.
'सिस्टम, समाज और प्रदेश का लचीला कानून जिम्मेदार'
न्यायपालिका से जुड़े लोगों का कहना है कि देश और समाज में बढ़ रही दुष्कर्म की वारदात के लिए सिस्टम, समाज और प्रदेश का लचीला कानून जिम्मेदार है.