सीतामढ़ी: जिले में 14 से 27 अप्रैल के बीच आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. इस आपदा के कारण आम और लीची की फसल भी नष्ट हो चुकी है. वहीं, कच्चे और फूस के मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. फसल नष्ट होने से किसानों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे में पीड़ित किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
बारिश और ओला वृष्टि से फसल बर्बाद, भुखमरी के कगार पर पहुंचे किसानों ने सरकार से मांगी मदद - bihar government
बारिश और ओलावृष्टि के कारण अधिकांश किसानों के खेत में 50 प्रतिशत से अधिक गेहूं के दाने झड़ चुके हैं. जिसमें पौधा निकल आया है. शेष 50 प्रतिशत अनाज बारिश के कारण खराब हो चुका है जो खाने लायक नहीं है. रबी फसल बर्बाद होने से किसान दाने-दाने को मोहताज हैं.
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जेडीयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि 13 दिनों के अंदर किसानों के फसल और मकान की भारी क्षति हुई है. इस संबंध में जिला प्रशासन, प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री और आपदा विभाग के अधिकारियों से लिखित अनुरोध किया गया है. ताकि, जिले के पीड़ित किसान और क्षतिग्रस्त मकानों के गृह स्वामी को मुआवजा दिलाया जा सके.
लॉक डाउन से रबी फसल बर्बाद
पीड़ित किसानों ने बताया कि पिछले साल भीषण बाढ़ ने धान की फसल को बर्बाद कर दिया. रबी की फसल से कुछ अनाज मिलने की उम्मीद थी. लेकिन लॉक डाउन लागू होने से रबी फसल का समय पर कटनी नहीं हो सका. कटनी के समय आंधी, बारिश और ओलावृष्टि हो गई. इसके कारण गेहूं, आम और लीची की फसलें पूरी बर्बाद हो गई. इस परिस्थिति में सरकार अगर किसानों को मुआवजा नहीं देती है तो भुखमरी आ जाएगी.