सीतामढ़ी: जिले को मुजफ्फरपुर और शिवहर से जोड़ने वाली सड़क तरियानी छपरा के मारर गांव के बीच बाढ़ के कारण ध्वस्त हो गई. इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा इस समस्या को देखते हुए कंसार गांव निवासी सुरेंद्र साह ने आवागमन सुचारू करने के लिए 30 हजार रुपये कर्ज लेकर ध्वस्त डायवर्जन के ऊपर चचरी पुल का निर्माण करवाया है.
चचरी पुल से गुजरने को मजबुर है लोग प्रतिदिन 5 हजार राहगीर करते हैं सफर
चचरी पुल के ऊपर से प्रतिदिन बाइक, साइकिल और पैदल राहगीर आते-जाते करते है. लोग जान-जोखिम में डालकर यात्रा करने पड़ मजबूर हैं. यह मुख्य सड़क सीतामढ़ी से तरियानी, मीनापुर, मुजफ्फरपुर और शिवहर को जोड़ती है. पुलिस वाहन हो या एंबुलेंस कोई भी इमरजेंसी गाड़ी इस मार्ग से नहीं गुजर पाती है. वहीं, दो जिले की सीमा रेखा होने के कारण आज तक इस डायवर्जनकी मरम्मती का कार्य ठप पड़ा है.
कर्ज लेकर सुरेंद्र साह ने करवाया चचरी पुल का निर्माण 2017 की बाढ़ में पुल हुआ था ध्वस्त
डायवर्जन के निकट बन रहा पुल वर्ष 2017 में बाढ़ की तेज धारा में बहकर ध्वस्त हो गया था. लेकिन 2 वर्ष बीतने के बावजूद भी उस पुल का निर्माण नहीं कराया जा सका. इस कारण लोगों को प्रतिदिन उसी पुल के समीप बने डायवर्जन से आना-जाना करना पड़ता था, और वह भी डायवर्जन इस बार की बाढ़ में पूरी तरीके से बर्बाद हो चुका है. लेकिन प्रशासन के तरफ से आज तक इसकी मरम्मती नहीं कराई गई है.
प्रतिदिन 5 हजार राहगीर करते हैं इस पुल से आवागमन गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल
डायवर्जन के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई महीनों से यहां वाहनों का परिचालन पूरी तरह से बंद है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी गंभीर रूप से बीमार मरीज, स्कूली बच्चे और पुलिस को उठानी पड़ रही है. अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल बाइक से पहुंचाते है और वापस लाते है. लेकिन प्रशासन के तरफ से आज तक इन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं पहुंचाई गई है.