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सीतामढ़ी: CDPO पर रिश्वत का आरोप, सांसद बोलीं- जनता जाग गई तो देना पड़ेगा जवाब

सीडीपीओ पर रिश्वत का आरोप है. आरोप है कि आंगनवाड़ी सेविकाओं से डरा-धमका कर रिश्वत लेती हैं. जिससे बच्चों के पोषाहार में कटौती हो रही है.

रमा देवी

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Published : Nov 4, 2019, 6:59 PM IST

Updated : Nov 4, 2019, 9:16 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में सीडीपीओ पर आंगनवाड़ी सेविकाओं से रिश्वत लेने का मामला सामने आया है. आंगनवाड़ी सेविका और ग्रामीणों ने मिलकर सीडपीओ पर यह आरोप लगाया है. जिसका सुध लेने शिवहर से बीजेपी सांसद रमा देवी पहुंचीं. रमा देवी ने कहा कि लोगों की जागरुकता और साक्षरता की कमी के कारण इस प्रकार का धंधा होता है.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पूरा मामला आंगनवाड़ी में बच्चों को पोषाहार में कटौती करने का है. लोगों का कहना है कि सीडीपीओ आंगनवाड़ी सेविकाओं से डरा-धमका कर रिश्वत लेती हैं. जिससे बच्चों के पोषाहार में कटौती हो रही है. आंगनवाड़ी सेविका के नाम नहीं बताने के शर्त पर उन्होंने कहा कि रिश्वत लेने के लिए सीडीपीओ अपने सुपरवाइजर का सहारा लेती हैं. उनका यह भी कहना है कि सेविका जब वह हर महीने पोषाहार की राशि लेने जाती है तो उनसे पोषाहार वाऊचर के नाम पर 2200 से 2500 रुपये लिए जाते हैं.

आंगनवाड़ी में बच्चे

'जागरुकता की कमी से होती है धांधली'
इस संबंध में बीजेपी सांसद रमा देवी ने बताया कि आंगनवाड़ी में बच्चों के पोषाहार में कमी होना चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि लोगों में जागरुकता की कमी है तभी बच्चों के अभिभावक आंगनवाड़ी में बच्चों को कम पोषाहार मिलने की शिकायत लेकर दूसरों के पास जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर जनता जाग गई तो उन्हें जवाब देना पड़ सकता है.

आंगनवाड़ी में खाना खाते बच्चे

CDPO पर लगे ये आरोप
सीडीपीओ पर इसके अलावा और भी आरोप लगे हैं. आरोप है कि पोषाहार वाऊचर के साथ-साथ सीडीपीओ खुद सेविका को डराकर 15 सौ से 2 हजार तक वसूलती हैं. सेविका का कहना है कि अगर वह रुपये देने से मना कर दें तो उन्हें केंद्र में नामांकित बच्चों की संख्या कम कर देने की धमकी दी जाती है.

बच्चों से दूर है पोषाहार
वहीं, दूसरी तरफ कई ऐसे केंद्र हैं जहां की सेविका बच्चों के पोषाहार की हकमारी कर उन्हें अंडा और दूध नसीब तक नहीं होने देती हैं. उस राशि को अपने पास रख लेती है. लेकिन, इसे देखने वाला कोई नहीं है. कई सेविकाओं ने बताया कि यहां भी सीडीपीओ की ओर से आर्थिक शोषण हो रहा है. लेकिन, किसी पर कार्रवाई नहीं होती है. उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि इन लोगों के ऊपर डीपीओ और जिलाधिकारी का हाथ है. जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.

पेश है रिपोर्ट

ऐसे लेते हैं रिश्वत
आंगनवाड़ी सेविका ने बताया कि रिश्वत के रूप में प्रतिमाह जिस केंद्र पर 40 बच्चे नामांकित हैं. वैसे केंद्र को 5 हजार रुपये प्रति माह तक देना पड़ता है. जिन केंद्रों पर 40 से कम बच्चे नामांकित हैं वैसे केंद्र को 4 हजार रुपये हर महीना देना होता है. उन्होंने कहा कि यह काफी दिनों से चलता आ रहा है.

जिले में हैं इतने CDPO
बता दें कि शिवहर और सीतामढ़ी जिले में कुल 17 सीडीपीओ तैनात हैं. उन सभी पर आरोप है कि सीडीपीओ आंगनवाड़ी सेविकाओं से रिश्वत के रूप में मोटी रकम प्रतिमाह ली जा रही हैं.

Last Updated : Nov 4, 2019, 9:16 PM IST

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