सीतामढ़ी: भगवान राम की नगरी अयोध्या से 28 नवंबर को चली बारात माता सीता की नगरी पड़ोसी देश नेपाल के जनकपुर में पहुंच चुकी है. जनकपुर में माता सीता के मंदिर प्रांगण में सोमवार को तिलकोत्सव (Lord Ram Tilakotsav in Sitamarhi) का आयोजन किया गया. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मंदिर प्रांगण को सजाया गया और पुराणों में वर्णित रीति रिवाज से ही भगवान राम और माता सीता के तिलकोत्सव का आयोजन किया गया.
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जगत जननी मां सीता की जन्म भूमि पर विवाह पंचमी को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है. सीता जन्म भूमि ट्रस्ट विवाह पंचमी को लेकर सोमवार की शाम पुनौरा धाम में बैठककर अयोध्या से आने वाली बारात के स्वागत की तैयारियों पर विचार विमर्श हुआ.
बता दें कि 28 नवंबर को राजा राम की नगरी अयोध्या से बारात चली है. जो पुराणों में वर्णित धार्मिक स्थलों पर विश्राम करते हुए पड़ोसी देश नेपाल के जनकपुर पहुंचेगी. जहां बारातियों का स्वागत जनकपुर मंदिर के महंत के द्वारा पुराने रीति रिवाज से किया जाएगा. महंत रघुनंदन दास ने बताया कि हर वर्ष अयोध्या से बारात पंचमी के दिन जनकपुर पहुंचती है और पुराणों में वर्णित रीति रिवाज के अनुसार फिर से राजा राम और माता सीता का विवाह करवाया जाता है.
पुनौरा धाम के महंत रघुनंदन दास ने कहा कि अयोध्या से आयी बारात पंथपाकर में विश्राम करने के बाद सीतामढ़ी पहुंचेगी. बारातियों के स्वागत तैयारी को लेकर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बैठक की जा रही है. पुराणों में वर्णित रीति रिवाज के अनुसार भगवान राम और माता सीता का विवाह संपन्न करवाया जाता है. इसी को लेकर मंदिर प्रांगण से लेकर बारात जिस रास्ते से आती है, उन सभी सड़कों की साफ-सफाई और बारातियों के स्वागत के लिए पूर्व से ही तैयारी की जाती है.
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