सीतामढ़ी:कोरोना संक्रमण के कारण जहां देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इसका व्यापक असर रेलवे के व्यवसाय पर भी देखने को मिल रहा है. पैसेंजर गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिए जाने के कारण सीतामढ़ी रेलवे को प्रतिमाह करीब डेढ़ करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है.
स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद ने बताया कि सामान्य दिनों में इस रेलवे स्टेशन से हावड़ा, दिल्ली, दरभंगा पटना, रक्सौल, मुजफ्फरपुर, लुधियाना, कटरा कामाख्या, अंबाला, सिकंदराबाद, कोलकाता के लिए एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों का परिचालन के साथ ही इंटरसिटी और सवारी गाड़ियों का परिचालन नियमित रूप से होता था. लेकिन घोषित लॉकडाउन के बाद सभी गाड़ियों का परिचालन बंद है. केवल 2 जोड़ी सवारी गाड़ी का परिचालन हो रहा है. इसलिए रेलवे को प्रतिमाह करीब डेढ़ करोड़ का घाटा हो रहा है.
कोरोना के कारण रेल यात्रा प्रभावित 'डेढ़ करोड़ का प्रतिमाह नुकसान'
एक तरफ जहां पैसेंजर गाड़ियों के नहीं चलने से रेलवे को प्रतिमाह डेढ़ करोड़ का नुकसान हो रहा है. वहीं, दूसरी तरफ रेलवे ने माल गाड़ी चला कर उस घाटे की भरपाई करने में जुटा हुआ है. स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि सामान्य दिनों में रेलवे जिस 100% लक्ष्य को हासिल करता था. उसमें 55% मालगाड़ी और 45% सवारी गाड़ियों से मिलने वाली राशि शामिल होता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद मार्च माह से अगस्त माह के बीच मालगाड़ी से प्राप्त 55% की राशि बढ़कर 70% हो गई है. पैसेंजर गाड़ियों से होने वाले घाटे की भरपाई मालगाड़ी को चलाकर की जा रही है.
क्या कहते हैं स्टेशन अधीक्षक
स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि लॉकडाउन से पूर्व मालगाड़ी से 6 माह में करीब 30 से 35 करोड़ का व्यवसाय होता था, जो लॉकडाउन अवधि में बढ़कर करीब 50 करोड़ रुपए हो गया है. मालगाड़ी से रेलवे ने मार्च माह में 66977516, अप्रैल में 63365744, मई माह में 81563713, जून माह में 96209624, जुलाई माह में 84556662 और अगस्त माह में 105139165 करोड़ का व्यवसाय किया है. जो सामान्य दिनों से 15% अधिक है.