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बेलवा घाट पर 120 करोड़ की परियोजना शुरू, पूर्वी चंपारण के लोगों के लिए वरदान - सीतामढ़ी में 120 करोड़ की परियोजना शुरू

इस परियोजना को जून 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए युद्ध स्तर पर वैद्यनाथ निर्माण इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से काम किया जा रहा है.

project worth 120 crore started in sitamarhi
बेलवा घाट पर 120 करोड़ की परियोजना शुरू

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Published : Feb 13, 2020, 7:30 PM IST

सीतामढ़ी:वर्षों से बागमती नदी की विभीषिका का दंश झेल रहे शिवहर जिले की करीब 8 लाख की आबादी को अब राहत मिलने की आस जग गई है. सरकार ने बेलवा घाट पर करीब 170 करोड़ की लागत से डैम, पुल, बांध, नहर और नाला का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. जिसमें डैम, पुल और नहर का निर्माण 120 करोड़ में पूरा किया जाना है. वहीं बेलवा घाट से पूर्वी चंपारण सीमा के देवापुर गांव तक 4 किलोमीटर लंबा बांध बनाने के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

निर्माण कार्य में जुटे 150 कर्मी
इस परियोजना को जून 2021 तक पूरा कर दिया जाएगा. इसके लिए युद्ध स्तर पर वैद्यनाथ निर्माण इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से काम किया जा रहा है. निर्माण कार्य में 150 कर्मी जुटे हुए हैं. निर्माण कार्य से जुड़े अभियंता ने बताया कि अप्रैल 2020 तक डैम का काम 50 प्रतिशत पूरा कर दिया जाएगा. क्योंकि उसके बाद बाढ़ आ जाने पर निर्माण कार्य करना मुश्किल हो जाएगा.

देखें ये रिपोर्ट

पूर्वी चंपारण के लोगों के लिए वरदान
निर्माण कार्य के मामले पर शिवहर के डीएम अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि यह परियोजना बिहार के बड़े प्रोजेक्ट में से एक है और एक साथ कई संरचनाओं पर काम किया जा रहा है. 2 वर्ष पहले डैम बनाने के लिए काम प्रारंभ किया गया था. लेकिन संवेदक निर्माण कार्य को छोड़ कर चले गए. इसलिए काम अधर में लटका हुआ था. उन्होंने कहा कि अब इस परियोजना को गति प्रदान की गई है. जून 2021 तक इन परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा. यह परियोजना शिवहर और पूर्वी चंपारण के लाखों लोगों के लिए वरदान साबित होगा.

बेलवा घाट पर शुरू हुआ पुल का निर्माण

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परियोजना का उद्देश्य
इस परियोजना का उद्देश्य है कि डैम से जुड़े 50 किलोमीटर लंबी जो नहर बनाई जा रही है, उसके द्वारा किसानों को जरूरत के अनुसार सिंचाई के लिए उनके खेतों तक पानी पहुंचाया जाए. साथ ही बाढ़ के पानी को नियंत्रण करने का सिस्टम भी इस डैम में लगाया जाएगा. जिससे बाढ़ के दौरान जो बागमती नदी के पानी का दबाव तटबंध पर होता है, उसे नियंत्रित किया जा सके. वहीं 4 किलोमीटर लंबी बांध बन जाने पर शिवहर और पूर्वी चंपारण का आवागमन सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा.

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