सीतामढ़ी: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन और सरकार की ओर से कई तरह की व्यवस्था की गई है. इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है. साथ ही दूसरे प्रदेशों से लौटने वाले लोगों को अस्पताल और सरकारी भवनों में मेडिकल जांच के बाद क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. लेकिन क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की शिकायत है कि दूसरे प्रदेशों से लौटने के बाद न तो उनका मेडिकल चेकअप किया गया है न ही क्वॉरेंटाइन सेंटर पर उन्हें खाना मुहैया कराया जा रहा है. लिहाजा अपने घरों से खाना मंगा कर खा रहे हैं.
सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में व्यवस्था बदहाल, लोग घर से मंगवाकर खा रहे हैं खाना
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवनीत कुमार ने बताया कि क्वॉरेंटाइन किए गए सभी लोगों की नियमित रूप से मेडिकल जांच की जाती है. लेकिन इन लोगों को खाना और नाश्ता नहीं दिया जाता.
'नहीं दिया जाता है खाना और नाश्ता'
क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों ने बताया कि व्यवस्था बेहतर नहीं होने के कारण क्वॉरेंटाइन सेंटर जेल जैसा लगता है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवनीत कुमार ने बताया कि क्वॉरेंटाइन किए गए सभी लोगों की नियमित रूप से मेडिकल जांच की जाती है. लेकिन इन लोगों को खाना और नाश्ता नहीं दिया जाता. सभी अपने घरों से ही खाना मंगा कर खा रहे हैं. क्योंकि खाना मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई गाइडलाइन नहीं दिया गया है. न ही अब तक उसकी व्यवस्था कराई गई है.
'जेल जैसा लगता है क्वॉरेंटाइन सेंटर'
वहीं, प्रखंड, पंचायत और जिला मुख्यालय के सरकारी भवन में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रहने वाले लोगों के लिए स्थानीय जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की मदद से खाने की व्यवस्था कराई गई है. लेकिन सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों को यह सुविधा नहीं दी जा रही है. लिहाजा क्वॉरेंटाइन में रखे गए लोगों को जेल जैसा महसूस होता है. इस कारण क्वॉरेंटाइन व्यक्ति ऐसे जगह पर रहना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं.